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गुजरात में धमाकेदार एंट्री: निकाय चुनाव में आप का जलवा, अजेय गढ़ में भी विजय

कांग्रेस को जनता ने समझा दिया कि अभी उसके लिए गुजरात में कोई जगह नहीं है। जिस तरह से सालों से भारतीय जनता पार्टी गुजरात के शहरी निकायों पर हावी है, उससे एक बात साबित होती है कि बेहतर शासन होने पर जनता के लिए एंटी-इनकंबेंसी फार्मूला लागू नहीं होता।

Vidushi Mishra
Published on: 23 Feb 2021 11:35 AM GMT
गुजरात में धमाकेदार एंट्री: निकाय चुनाव में आप का जलवा, अजेय गढ़ में भी विजय
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कांग्रेस को जनता ने समझा दिया कि अभी उसके लिए गुजरात में कोई जगह नहीं है। जिस तरह से सालों से भारतीय जनता पार्टी गुजरात के शहरी निकायों पर हावी है, उससे एक बात साबित होती है कि बेहतर शासन होने पर जनता के लिए एंटी-इनकंबेंसी फार्मूला लागू नहीं होता।

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली। गुजरात ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह भारतीय जनता पार्टी का अयेय गढ़ है। किसान आंदोलन, हार्दिक पटेल और ओवैसी कोई भी कहीं नहीं ठहर पाया। कांग्रेस को जनता ने समझा दिया कि अभी उसके लिए गुजरात में कोई जगह नहीं है। जिस तरह से सालों से भारतीय जनता पार्टी गुजरात के शहरी निकायों पर हावी है उससे एक बात साबित होती है कि बेहतर शासन होने पर जनता के लिए एंटी-इनकंबेंसी फार्मूला लागू नहीं होता। पार्टी की जीत से गदगद मुख्यमंत्री विजय रूपानी कहते हैं मैं सभी 6 महानगरों के मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं, और उन सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस चुनाव में कड़ी मेहनत की है।

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भाजपा की हार की हैट्रिक नहीं बनने दी

विजय रूपानी आगे कहते हैं मैं गुजरात के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा हमारे ऊपर रखे गए विश्वास को बेकार नहीं जाने देगी। रूपानी ने कहा कि सरकार आने वाले समय में 6 नगर निगमों के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी।

bjp फोटो-सोशल मीडिया

एक माह के भीतर तीसरे राज्य के निकाय चुनाव के नतीजों ने किसानों के मोर्चे पर जूझ रही भाजपा को बूस्टर देने का काम किया है। क्योंकि पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन के चलते इन दोनो राज्यों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा था और उसे जनता के गुससे को झेलना पड़ा था। गुजरात ने इस ट्रेंड को तोड़ा है और भाजपा की हार की हैट्रिक नहीं बनने दी है।

गुजरात में छह नगर निगमों के चुनाव में भाजपा की मजबूत पकड़ ने यह साबित कर दिया है कि गुजरात भाजपा का गढ़ है। अलबत्ता कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका है। गुजरात के निकाय चुनाव के नतीजों पर पूरे देश की निगाह थी क्योंकि ये राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गढ़ है।

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aap party फोटो-सोशल मीडिया

मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी नाकामी

कांग्रेस को हार्दिक पटेल की अगुवाई में चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं हुआ। कांग्रेस ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी वार्डस्तर पर जाकर रैलियां भी की थीं। लेकिन पाटीदार समुदाय से भी उसे झटका लगा।

आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर यह है कि पंजाब के बाद अब उसकी गुजरात में एंट्री हो गई है। इस पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसा लग रहा है कि यह पार्टी भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर आ जाएगी। अरविंद केजरीवाल के लिए ये बहुत ही अच्छी खबर है। यानी वह गुजरात निकाय चुनाव में कांग्रेस से आगे निकल रहे हैं।

ये चुनाव इस लिए भी खास थे क्योंकि इसमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी चुनाव मैदान में उतरी थी लेकिन उन्हें मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी नाकामी हाथ लगी है। कुल मिलाकर निकाय चुनाव के नतीजे राज्य में एक साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव का सेमी फाइनल कहे जा सकते हैं। जिसके लिए जमीनी स्तर पर कौन कितनी तैयारी कर पाता है ये वक्त बताएगा।

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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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