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गुजरात चुनाव परिणाम के साथ ही विपक्ष का फिर EVM राग शुरू

गुजरात विधानसभा चुनाव के रुझानों में जैसे-जैसे बीजेपी आगे बढ़ती दिखाई दे रही है, विपक्षी खेमे ने एक बार फिर ईवीएम का ट्विस्ट दे दिया है। गुजरात के चुनाव प्रभारी

tiwarishalini
Published on: 18 Dec 2017 11:49 AM IST
गुजरात चुनाव परिणाम के साथ ही विपक्ष का फिर EVM राग शुरू
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लखनऊ: गुजरात विधानसभा चुनाव के रुझानों में जैसे-जैसे बीजेपी आगे बढ़ती दिखाई दे रही है, विपक्षी खेमे ने एक बार फिर ईवीएम का ट्विस्ट दे दिया है। गुजरात के चुनाव प्रभारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने शुरुआती रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परिणाम चाहे कुछ भी रहें, लेकिन जीत कांग्रेस की ही मानी जाएगी।

अशोक गहलोत ने ईवीएम के मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि जनता कह रही है कि अगर ईवीएम ठीक रही तो कांग्रेस ही जीतेगी। ईवीएम को लेकर जनता में भारी शंका है, इसलिए इस पर विचार होना चाहिए। चुनाव आयोग जनता के मन से भ्रम हटाने के लिए आगे से बैलेट पेपर पर चुनाव कराने चाहिए।

नतीजों से पहले ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बीजेपी पर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई तो बीजेपी चुनाव हार जाएगी। हार्दिक ने शनिवार देर रात ट्वीट कर आरोप लगाया था कि अहमदाबाद की एक कंपनी के द्वारा 140 सॉफ्टवेयर इंजीनियर के हाथों करीब 5000 ईवीएम के सोर्स कोड से हैकिंग की तैयारी की जा रही है।

बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ईवीएम की स्थिति कांग्रेस से ही पूछनी चाहिए। कांग्रेस ने चुनावी प्रक्रिया बदनाम करने की कोशिश की है।

ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में एक कंट्रोल यूनिट होती है।

एक बैलट यूनिट और 5 मीटर की केबल। ये मशीन 6 वोल्ट की बैटरी से भी चलाई जा सकती है। मतदाता को अपनी पसंद के कैंडिडेट के आगे दिया बटन दबाना होता है और एक वोट लेते ही मशीन लॉक हो जाती है। इसके बाद सिर्फ नए बैलट नंबर से ही खुलती है। एक मिनट में ईवीएम में सिर्फ 5 वोट दिए जा सकते हैं।

ईवीएम मशीनें बैलट बॉक्स से ज्यादा आसान थीं, उनकी स्टोरेज, गणना आदि सब कुछ ज्यादा बेहतर था इसलिए इनका इस्तेमाल शुरू हुआ। लगभग 15 सालों से ये भारतीय चुनावों का हिस्सा बनी हुई है , लेकिन ईवीएम मशीनें काफी असुरक्षित भी होती हैं।

क्या-क्या हैं खतरे?

ईवीएम मशीनें आसानी हैक की जा सकती हैं। ईवीएम मशीनों के जरिए वोटर की पूरी जानकारी भी निकाली जा सकती है। इलेक्शन के नतीजों में फेरबदल किया जा सकता है।

ईवीएम मशीन इंटरनली किसी इंसान द्वारा भी बदली जा सकती है। इसके आंकड़े इतने सटीक नहीं कहे जा सकते।

इन देशों में बैन कर दी गई है ईवीएम

- नीदरलैंड ने पारदर्शिता ना होने के कारण ईवीएम बैन कर दी थी।

- आयरलैंड ने 51 मिलियन पाउंड खर्च करने के बाद 3 साल की रिसर्च कर भी सुरक्षा और पारदर्शिता का कारण देकर ईवीएम को बैन कर दिया था।

- जर्मनी ने ईवोटिंग को असंवैधानिक कहा था क्योंकि इसमें पारदर्शिता नहीं है।

- इटली ने इसलिए ईवोटिंग को खारिज कर दिया था क्योंकि इनके नतीजों को आसानी से बदला जा सकता है।

- अमरीका के कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों ने ईवीएम को बिना पेपर ट्रेल के बैन कर दिया था।

- सीआईए के सिक्योरिटी एक्सपर्ट मिस्टर स्टीगल के अनुसार वेनेज्यूएला, मैसिडोनिया और यूक्रेन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीने कई तरह की गड़बड़ियों के कारण इस्तेमाल होनी बंद हो गई थीं।

-इंग्लैंड और फ्रांस ने तो इनका उपयोग ही नहीं किया।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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