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Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हिन्दू पक्ष को बड़ी राहत, कहा- 'शिवलिंग को कोई छुएगा नहीं'
SC on Gyanvapi Mosque Case: सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने कहा, अगले आदेश तक कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रहेगा।
SC on Gyanvapi Mosque Case : सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार (11 नवंबर) को अहम सुनवाई हुई। ज्ञानवापी मामले पर आज सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने कहा, अगले आदेश तक कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रहेगा। सर्वोच्च अदालत के आज के फैसले को हिन्दू पक्ष को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
वाराणसी ज्ञानवापी केस के लिए आज का दिन अहम रहा। इस मामले पर आज जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। वहीं, हाईकोर्ट और जिला अदालत में भी अलग-अलग मामलों की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि 'शिवलिंग को कोई छुएगा नहीं'। बता दें, अदालत ने इससे पहले 12 नवंबर तक वजू खाने के संरक्षण के आदेश दिए थे।
जिला अदालत में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को
वहीं, श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद (Shringar Gauri and Gyanvapi Mosque) मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश (District Judge Ajay Krishna Vishwesha) ने सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर तय की है। इसी वजह, हाईकोर्ट की तरफ से सुनवाई को दिसंबर के पहले हफ्ते तक के लिए टाल दिया गया है।
क्या कहा CJI ने?
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग जैसी संरचना के आसपास की जगह को सुरक्षित रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, कि इस मामले में हमारा 17 मई का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों को एक-दूसरे की याचिकाओं पर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है। ज्ञात हो कि, कोर्ट ने 17 मई को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
किस मसले पर हुई सुनवाई?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आज ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने से जुड़े आदेश को आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई हुई। ये सुनवाई हाईकोर्ट में निचली अदालत से दिए गए सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ हुई। सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ताओं को छूट दी है, कि वो जिला अदालत के पास जाएं और अपनी दलील जिला जज के सामने रखें, इसके बाद जिला जज तय करेंगे कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है।