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H3N2 Virus: जानिए क्या है नया फ्लू वायरस और कैसे बचें इससे

H3N2 Virus: एच3एन2 पहले भी देश में कई इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का कारण बना है। लोगों में फ्लू के लक्षणों की व्यापकता मौसम के बदलाव से भी प्रभावित होती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 10 March 2023 3:14 PM IST (Updated on: 10 March 2023 3:14 PM IST)
H3N2 Virus
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H3N2 Virus (Pic: Social Media)

H3N2 Virus: देश में इन दिनों इन्फ्लूएंजा के सब वेरियंट एच3एन2 वायरस का प्रकोप फैला हुआ है और कम से कम दो लोगों की इस वायरस संक्रमण से मौत हो चुकी है। एक व्यक्ति की मौत हरियाणा में हुई, वहीं दूसरी मौत कर्नाटक में हुई। एच3एन2 पहले भी देश में कई इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का कारण बना है। लोगों में फ्लू के लक्षणों की व्यापकता मौसम के बदलाव से भी प्रभावित होती है।

ये वायरस क्या है?

एच3एन2 एक इन्फ्लूएंजा वायरस है जो श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। ये वायरस पक्षियों और पशुओं को भी संक्रमित कर सकता है।अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एच3एन2, इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक सब वेरिएंट है, ये मानव इन्फ्लूएंजा का एक महत्वपूर्ण कारण है।

क्या हैं लक्षण

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मनुष्यों में एवियन (पक्षी), स्वाइन (सुअर) और अन्य जूनोटिक (पशु) इन्फ्लुएंजा संक्रमण हल्के ऊपरी श्वसन संक्रमण (बुखार और खांसी) से लेकर गंभीर निमोनिया, तीव्र श्वसन सिंड्रोम, सदमा और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकते हैं। एच3एन2 वायरस के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

ठंड लगना, खांसी, बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, डायरिया, छींक आना और नाक बहना।

यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या बेचैनी का अनुभव हो, लगातार बुखार हो और भोजन करते समय गले में दर्द हो, तो डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है।

वायरस कैसे फैलता है?

अत्यंत संक्रामक एच3एन2 इन्फ्लुएंजा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बात करने पर निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैल सकता है। यह तब भी फैल सकता है जब कोई किसी संक्रमित सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह या नाक को छूता है। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग वयस्कों, और अंतर्निहित चिकित्सा समस्याओं वाले व्यक्तियों को फ्लू से संबंधित जटिलताओं का अधिक खतरा होता है।

क्या सावधानियां बरतें

- पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। यदि ऑक्सीजन लेवल 95 प्रतिशत से कम है, तो डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है। यदि ऑक्सीजन स्तर 90 प्रतिशत से कम है, तो आईसीयू की आवश्यकता हो सकती है।

संक्रमित लोगों से यह वायरस इंसानों में तेजी से फैल सकता है। इसलिए, विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।

- अपने हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोएं।

- फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।

- अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।

- खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।

- हाइड्रेटेड रहें और खूब तरल पदार्थों का सेवन करें।

- बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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