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हल्दीराम की भुजिया: गरीबी से अमीरी तक की चटपटी कहानी और तरक्की
हल्दीराम की भुजिया याद है न, जिसे खाने के बाद जी ही नही भरता है और धीरे-धीरे पूरा पैकेट खत्म हो जाता है पता ही नही चलता है। हम उसी चट-पटे स्नैक्स बनाने वाली कंपनी की बात कर रहे हैं।
नई दिल्ली : हल्दीराम की भुजिया याद है न, जिसे खाने के बाद जी ही नही भरता है और धीरे-धीरे पूरा पैकेट खत्म हो जाता है पता ही नही चलता है। हम उसी चट-पटे स्नैक्स बनाने वाली कंपनी की बात कर रहे हैं। जिस तरह हल्दीराम के स्नैक्स चट-पटे होते है उसी तरह उसकी कहानी भी बहुत चटपटी है।
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हल्दीराम--एक दुकान
हल्दीराम की कहानी एक दुकान से शुरू हुई और ये कंपनी करोड़ों रुपये की हकदार बन चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हल्दीराम एचसीसी के लवासा प्रोजेक्ट को खरीदने की तैयारी में है।
लवासा सिटी को आजाद भारत का पहला निजी हिल स्टेशन कहा जाता है। इसे हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने डेवलप किया है। लवासा को 100 किलोमीटर के एरिया में शानदार प्लानिंग के तहत डेवलप किया गया है। इसे यूरोप के शहरों की तर्ज पर तैयार किया गया है। शहर में मानव निर्मित झील तैयार की गई है, जो करीब 25 किलोमीटर लंबी है।
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सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, लवासा को कर्ज देने वाले बैंकर्स 31 अक्टूबर को हल्दीराम की ओर से मिली बोली पर विचार करेंगे। हल्दीराम के अलावा पुणे के बिल्डर अनिरुद्ध देशपांडे और यूवीएआरसी ने बोली लगाई है। हल्दीराम, पायनियर फैक्टर आईटी इन्फ्राड्रेक्टर, और संसार प्रॉपर्टी की एक कंसोर्टियम ने लवासा का 100 फीसदी 2,046 करोड़ रुपये में खरीदने की पेशकश की है।
लवासा शहर
चर्चा में चल रहा लवासा शहर 15 पहाड़ियों और घाटियों में बना है, जो लगभग 25,000 एकड़ या 100 वर्ग किलोमीटर का एरिया है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह पेरिस जितना बड़ा है। इसकी मानव निर्मित झील 90 छोटी-बड़ी धाराओं को मिलाकर बनाई गई है, जिसकी अधिकतम गहराई 100 फीट है। यह भी देखें... उत्तर प्रदेश में फिर दौड़ी तबादला एक्सप्रेस, 22 पुलिस अधिकारी इधर-उधर