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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बढ़ी आधी आबादी की हिस्सेदारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार तीन प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा से कुल मिला कर 25 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। इसमे कांग्रेस ने 10, आम आदमी पार्टी ने नौ तथा भारतीय जनता पार्टी ने छह महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहां प्रमुख दलों से चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा में बतौर विधायक पहुंचने महिलाओं की संख्या भी बढ़ गई हैै। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार तीन प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा से कुल मिला कर 25 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। इसमे कांग्रेस ने 10, आम आदमी पार्टी ने नौ तथा भारतीय जनता पार्टी ने छह महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिलाओं की केवल 7.4 प्रतिशत हिस्सेदारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख दलों द्वारा महिला प्रत्याशियों की यह अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। अब तक हुए दिल्ली के छह चुनाव में कुल मिलाकर 31 महिला विधायक रहीं, यानि केवल 7.4 प्रतिशत हिस्सेदारी। इन छह चुनावों में केवल चार महिलाएं ही कैबिनेट मंत्री बनी पाई, जबकि वर्ष 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की बागड़ोर भी महिला मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के हाथ में रही। लेकिन इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में विधायक बनने वाली महिलाओं की संख्या आठ यानि 11 फीसदी से ज्यादा हो गया है।
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पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में इन दलों ने 20 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था। इससे पहले 2013 में कांग्रेस ने छह और आप ने छह तथा भाजपा ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था। वर्ष 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी इन महिला प्रत्याशियों की सफलता की दर को देखे तो आम आदमी पार्टी की नौ महिला प्रत्याशियों में से आठ ने जीत हासिल की है।
आम आदमी पार्टी की रोहतास विधानसभा सीट पर भाजपा के जितेन्द्र महाजन ने आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह को करीब 13,000 मतों से पराजित किया। आम आदमी पार्टी की अन्य महिला प्रत्याशियों में कालकाजी से आतिशी, पालम से भावना गौड़, राजौरी गार्डन से धनवती चंदेला, मंगोलपुरी से राखी बिड़ला, आरके पुरम से प्रमिला टोकस, त्रिनगर से प्रीति तोमर, शालीमार बाग से वंदना कुमारी, हरि नगर से राजकुमारी ने जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने दिया सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट
सबसे ज्यादा महिला प्रत्याशियों पर भरोसा करने वाली कांग्रेस ने कालका जी से शिवानी चोपडा, आरके पुरम से प्रियंका सिंह, संगम विहार से पूनम आजाद, तिमारपुर से अमरलता सांगवान, माडल टाउन से आकंक्षा ओला, चांदनी चैक से अलका लांबा, पटेल नगर से कृष्णा तीरथ, जनकपुर से राधिका खेड़ा, मालवीय नगर से नीतू वर्मा तथा बाबरपुर से अनविक्षा त्रिपाठी जैन को प्रत्याशी बनाया।
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जबकि भाजपा ने नांगलोई जाट से सुमनलता, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, बल्लीमारन से लता, महरौली से कुसुम खत्री, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय तथा त्रिलोकपुरी से किरण को प्रत्याशी बनाया था। आम आदमी पार्टी की लहर में भाजपा और कांग्रेस की सभी महिला प्रत्याशी चुनाव हार गई है। हालांकि भाजपा की सभी महिला प्रत्याशियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को सीधी टक्कर दी और दूसरे नंबर पर रही। जबकि दो बार की विधायक रही अलका लांबा समेत कांग्रेस की अधिकतर महिला प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पायी।