TRENDING TAGS :
Harda: 15 टन बारूद विस्फोट से हरदा ने देखा खौफनाक मंजर, हरी हो गईं 9 साल पुरानी घटना की यादें, पड़ी थीं हर तरफ लाशें
Harda Blast: हरदा पटाखा फैक्ट्री हादसे ने फिर लोगों के जेहन में करीब 9 साल पहले झाबुआ में हुए पटाखा फैक्ट्री के विस्फाट की यादें ताजा कर दीं। इस हादसे में करीब 79 लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ी थी।
Harda Blast: मध्य प्रदेश के हरदा जिले के पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की खबर जैसे ही देश के सामने आई है, सभी की निगाहें टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस घटना के वीडियो पर टिक गईं। पटाखा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट इतना भीषण था कि पूरा इलाका हिल गया। लोगों को कुछ समय के लिए ऐसा लगा की मानो भूकंप आ गया हो। फैक्ट्री के आस पास इलाके की सड़कों पर बाइकें, लोगों की लाशें और घायल ही घायल लोग दिखाई दे रहे थे। धमका इतना तेज था कि उसकी गूंज 20 किलोमीटर तक सुनाई दी। घटना के बाद राहत बचवा कार्य जारी हो गया हो। राज्य के मुख्यमंत्री हादसे की जांच के निर्देश देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का कहा है।
अभी तक 8 लोगों की मौत, 59 घायल
हरदा हादसे में 8 लोगों की मौत हुई है, लेकिन यह हादसा इतना बड़ा है कि इसमें मौतों की संख्या में वृद्धि का अनुमान है, जबकि इस घटना में 59 लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पाटखा फैक्ट्री में इतना बारूद रखा था, एक के बाद एक इतने धमाके हुए, जिसके कारण आग फैल गई और कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। फैक्ट्री में रखे 15 टन बारूद के विस्फोट से क्षेत्र के करीब 60 घरों में आ लग गई। हर तरफ आफरा ताफरी मची गई है, जिसको जहां जगह मिली...उस तरफ भागा। 100 घरों को तुरंत खाली करवाया गया। इस हादसे में मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये के मुआवजे देने का ऐलान किया गया।
हरदा ने किए हाबुआ के जख्म हरे
हरदा पटाखा फैक्ट्री हादसे ने फिर लोगों के जेहन में करीब 9 साल पहले झाबुआ में हुए पटाखा फैक्ट्री के विस्फाट की यादें ताजा कर दीं। आज से 9 साल पहले झाबुआ के पेटलावद स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें 79 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और करीब 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हादसे की यादें आज भी मध्य प्रदेश के साथ साथ झाबुआ के लोगों के दिलों में ताजा हैं।
तब पेटलावद में क्या हुआ, जब कुछ ही सेकेंड में फैल गई थीं लाशें
मध्य प्रदेश में यह दूसरा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट का हादसा है। इन दोनों हादसे में एक बात कॉमन है कि यह हादसे अवैध रूप से संचालित हो रही पटाखा फैक्ट्री हुए। 12 दिसंबर, साल 2015 को सुबह सुबह झाबुआ के पेटलावद में अवैध रूप से चल रही एक पटाखा फैक्ट्री आग लगने से विस्फोट हो गया। इस घटना में 79 लोगों की मौत हुई, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। जब इस हादसे की जांच हुई तो पता चला कि अवैध रूप से एक मकान में पटाखा फैक्ट्री चल रही और यहां पर रखे जिलेटिन राड़े और डेटोनेटर के कारण विस्फोट हो गया। देखते ही देखते इस इलाके में लाशे ही लाशे दिखाई देने लगी और सैकड़ों के अधिक घायल लोग सड़कों पर पड़े तड़प रहे थे।
सरकार की रही नाकामी लोगों की गईं जानें
इस हादसे के बाद भी राज्य सरकार ने बड़े बड़े वादे करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अवैध पटाखा फैक्ट्री में रोक लगानी की बात की थी, लेकिन सरकार आदेश ढाक के तीन पात रहे, अगर थोड़ी भी सख्ती दिखाई होती तो आज हरदा हादसे में 8 लोगों को मौत के मुंह में नहीं ना पड़ता और दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती नहीं हुए होते।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा, नहीं देखा करीब ऐसा मंजर
मिली जानकारी के मुताबिक, हरदा के मगरधा रोड स्थित बैरागढ़ गांव में जो पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से भीषण विस्फोट हादसा हुआ है, वह फैक्ट्री अवैध रूप से संचालित की जा रही थी। फैक्ट्री के अंदर 15 टन बारूद रखा हुआ था। फिलहाल इस हादसे में 8 लोगों की मौत बताई गई है, लेकिन स्थानीयों की मानें तो फैक्ट्री में दर्जन लोग काम कर रहे थे, जिनका कुछ पता नहीं चल रहा है। विस्फोट के चलते आग की ऊंची ऊंची लपटें उठी रही थीं, जिससे करीब 100 घरों में आग लग गई। इसी सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से बैतूल जिले से चार दमकल वाहन मौके पर रवाना किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हरदा में ऐसा लगा कि भूकंप आ गया हो। साथ ही कई इमारतें हिल गई थीं। हमलोगों ने ऐसा हादसा कभी नहीं देखा है। उनका कहना है कि जब बाहर ऐसा मंजर है तो फैक्ट्री के अंदर जो भी लोग काम कर रहे थे, उनके बचने की संभावना नहीं है।
सीएम ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
इस घटना पर सीएम डॉ. मोहर यादव ने तत्काल इमरजेंसी मीटिंग की बुलाई। इस मीटिंग में सरकार के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों की अच्छा से अच्छा इलाज की व्यवस्था की जाए और जो लोग इस घटना में मारे गए हैं, उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए। घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि एक नजीर बने। मीटिंग में मुख्य सचिव वीरा राणा और डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ अन्य सीनियर अधिकारी मौजूद है।