Haryana: राहुल और खड़गे की कोशिशों से दूर हुई शैलजा की नाराजगी, अब हरियाणा के सियासी रण में कल से प्रचार की तैयारी

Haryana News: खड़गे ने कुमारी शैलजा की सभी शिकायतों को ध्यान से सुनने के बाद सारी समस्याओं को सुलझाने की बात कही।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 25 Sep 2024 3:20 AM GMT
Rahul Gandhi, Kumari Selja, Mallikarjun Kharge
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राहुल गांधी, कुमारी शैलजा , मल्लिकार्जुन खड़गे  (photo: social media )

Haryana News: कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार हरियाणा की वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा को मनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शैलजा को मनाने में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रमुख भूमिका रही। राहुल गांधी ने कुमारी शैलजा को मनाने की जिम्मेदारी खड़गे को सौंपी थी और बाद में उन्होंने शैलजा से अनुरोध किया था कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए खड़गे से मुलाकात करनी चाहिए।

खड़गे ने कुमारी शैलजा की सभी शिकायतों को ध्यान से सुनने के बाद सारी समस्याओं को सुलझाने की बात कही। उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस के जीतने की स्थिति में राज्य के मुख्यमंत्री पद को लेकर शैलजा के नाम पर भी चर्चा का आश्वासन दिया है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से किए गए प्रयासों के बाद कुमारी शैलजा मान गई हैं और अब वे गुरुवार से हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार शुरू करेंगी।

नाराज शैलजा ने चुनाव प्रचार से बना ली थी दूरी

हरियाणा में कुमारी शैलजा की नाराजगी कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी हुई थी। शैलजा ने 12 सितंबर के बाद कांग्रेस के प्रचार अभियान में हिस्सा नहीं लिया है। वे पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थीं। जानकार सूत्रों के मुताबिक शैलजा की नाराजगी का सबसे प्रमुख कारण टिकट बंटवारे में उनकी अनदेखी करना था।

इसके साथ ही वे विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने और कुछ कांग्रेसी नेताओं की ओर से अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों से भी नाराज थीं। इसी कारण उन्होंने कांग्रेस के प्रचार अभियान से कन्नी काट ली थी जिसे लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार चिंता जताई जा रही थी।


राहुल और खड़गे के प्रयासों से दूर हुई नाराजगी

जानकारों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी कुमारी शैलजा की नाराजगी से परेशान थे। उन्होंने खुद शैलजा को मैसेज भेज कर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात की सलाह दी थी। राहुल गांधी का कहना था कि खड़गे कुमारी शैलजा की नाराजगी दूर करने में जरूर कामयाब होंगे। इसके बाद शैलजा ने खड़गे से मुलाकात के दौरान अपनी शिकायतों का पुलिंदा उन्हें सौंपा था।

खड़गे ने कुमारी शैलजा की ओर से उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए कुछ वक्त मांगा था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के जीतने पर राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए शैलजा के नाम पर भी चर्चा का आश्वासन दिया है। खड़गे की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद शैलजा की नाराजगी दूर हो गई है और अब वे गुरुवार से हरियाणा के चुनाव प्रचार में जुटेंगी।


कांग्रेस ने नहीं घोषित किया है सीएम चेहरा

हरियाणा के चुनाव में इस बार कांग्रेस की ओर से किसी भी नेता को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया है। हालांकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक लंबे समय से हुड्डा को भावी मुख्यमंत्री बताते रहे हैं। दूसरी ओर कुमारी शैलजा ने सिरसा से सांसद होने के बावजूद विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी।

हालांकि पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। ऐसे में हरियाणा में हुड्डा गुट शैलजा की अपेक्षा ज्यादा मजबूत माना जा रहा है। इस बार भी हुड्डा अपने अधिकांश समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं जबकि कुमारी शैलजा सिर्फ 10 प्रत्याशियों को टिकट दिला सकी हैं।


हरियाणा में भी फंस सकता है राजस्थान जैसा पेंच

हरियाणा की सियासत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ शतरंजी चाल चलते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के चुनाव जीतने की स्थिति में हरियाणा में भी राजस्थान जैसे हालात पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था मगर उनके पूरे कार्यकाल के दौरान सचिन पायलट से उनकी खींचतान बनी रही। ठीक वैसी ही स्थितियां हरियाणा में भी बन गई हैं क्योंकि शैलजा की ओर से भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की जा रही है।


शैलजा की नाराजगी से सता रहा था इस बात का डर

कुमारी शैलजा की नाराजगी से कांग्रेस नेतृत्व का विचलित होना अनायास नहीं था। दरअसल हरियाणा में विधानसभा के 90 सीटें हैं और इनमें से 17 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में शैलजा की नाराजगी से इन आरक्षित सीटों पर कांग्रेस को झटका लग सकता था है। इसके साथ ही कुछ अन्य सीटों पर भी शैलजा का काफी असर माना जाता है।

हरियाणा में दलित मतदाताओं की संख्या करीब 21 फ़ीसदी है और दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाली कुमारी शैलजा की नाराजगी से पार्टी को दलित वोटों के नुकसान का डर सता रहा था मगर अब सियासी हालात बदल गए हैं।

कुमारी शैलजा गुरुवार को नरवाना में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करेंगी। राहुल गांधी भी गुरुवार को हरियाणा पहुंचने वाले हैं और शैलजा के समर्थक शमशेर सिंह के इलाके में उनकी पहली चुनावी सभा होगी। इससे भी पता चलता है कि कांग्रेस नेतृत्व कुमारी शैलजा को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता था।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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