हरियाणा की दो सीटों पर चौटाला परिवार में ही घमासान, एक पर दादा-पोते में मुकाबला तो दूसरी पर चाचा-भतीजा आमने-सामने

Haryana Election: रणजीत चौटाला डबवाली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को समर्थन देंगे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 12 Sep 2024 4:53 AM GMT
chautala family politics
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chautala family politics  (photo: social media ) 

Haryana Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबले की बिसात बिछ गई है। रानियां विधानसभा सीट पर भी इस बार दिलचस्प मुकाबला होगा। चौटाला परिवार से जुड़े राज्य के पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा की ओर से टिकट काटे जाने के बाद उन्होंने बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

मजे की बात यह है कि भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर रणजीत चौटाला को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके बदले रणजीत चौटाला डबवाली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को समर्थन देंगे। रानियां विधानसभा सीट पर रणजीत चौटाला को घेरने के लिए इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला को चुनाव मैदान में उतारा है।

रणजीत चौटाला को दुष्यंत ने दिया समर्थन

रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे मगर पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। इससे नाराज होकर रणजीत चौटाला बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। इस कारण इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए दुष्यंत चौटाला ने भी बड़ा गेम खेल दिया है और उन्होंने रणजीत चौटाला को समर्थन दे दिया है।

दुष्यंत चौटाला ने यह खेल काफी सोच समझ कर खेला है। समर्थन के बदले में उन्होंने अपने भाई दिग्विजय चौटाला के लिए डबवाली में रणजीत का समर्थन भी हासिल किया है। अभय चौटाला और रणजीत चौटाला एक हो गए हैं जबकि चौटाला परिवार का दूसरा खेमा इनका विरोध कर रहा है। रणजीत चौटाला को रानियां में अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला से मुकाबला करना होगा।


दादा ने पोते के खिलाफ किया जीत का दावा

अर्जुन चौटाला रिश्ते में रणजीत चौटाला के पोते लगते हैं। ऐसे में इस सीट पर चौटाला परिवार के दादा और पोते के बीच मुकाबला होगा। पोते के खिलाफ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर रणजीत चौटाला ने कहा कि अर्जुन मेरा पोता है और उसने चुनाव मैदान में मेरे ही खिलाफ ताल ठोक दी है। उन्होंने कहा कि वैसे हमारे परिवार में चुनाव लड़ने से पारिवारिक रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ता। अर्जुन चुनाव लड़ रहा है तो उसे लड़ने दें मगर वह मेरे खिलाफ चुनाव नहीं जीत पाएगा। इस तरह रणजीत चौटाला ने चुनाव से पूर्व ही अपने पोते के खिलाफ जीत हासिल करने का दावा कर डाला है।


डबवाली में चाचा-भतीजा के बीच हो रही भिड़ंत

डबवाली विधानसभा क्षेत्र में भी चौटाला परिवार में ही घमासान दिख रहा है। इस सीट पर जजपा नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला चुनाव मैदान में उतरे हैं। दिग्विजय का मुकाबला अपने ही चाचा आदित्य चौटाला से होगा। आदित्य चौटाला करीब 10 वर्षों तक भाजपा में रहे मगर भाजपा की ओर से टिकट काटे जाने के बाद वे बागी हो गए। उन्होंने इनेलो के टिकट पर अपने भतीजे के खिलाफ नामांकन दाखिल कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि आदित्य चौटाला को अभय चौटाला के साथ ही पंजाब के ताकतवर बादल परिवार का भी समर्थन हासिल है।

आदित्य चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के बेटे हैं। उन्होंने 2014 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। हाल ही में उन्होंने भाजपा छोड़कर इनैलो में शामिल होने का फैसला किया था। इनेलो में शामिल होने के बाद अभय चौटाला ने अपने चचेरे भाई आदित्य चौटाला को डबवाली से चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया था। ऐसे में इस सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है।



Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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