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Haryana Elections 2024: हरियाणा में वोटिंग से पहले शैलजा का बड़ा बयान,CM पद को लेकर हाईकमान नहीं कर सकता अनदेखी
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कुमारी शैलजा की नाराजगी काफी चर्चाओं में रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दखल देने के बाद पार्टी हाईकमान ने उनकी नाराजगी दूर की थी। इसके बाद हरियाणा में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने हुड्डा और शैलजा का हाथ मिलवाया था।
Haryana Elections 2024: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को मतदान होने वाला है और वोटिंग से पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद कुमारी शैलजा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला पार्टी हाईकमान की ओर से किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाईकमान उनकी दावेदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता। हरियाणा कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है मगर शैलजा भी अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं दिख रही हैं।
हाईकमान मुझे नहीं कर सकता नजरअंदाज
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। 2014 और 2019 में हरियाणा में सरकार बनाने वाली भाजपा इस बार चुनौतियों में घिरी दिख रही है। राजनीतिक पंडितों की नजर में कांग्रेस बीस पड़ती दिख रही है और ऐसे में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर चर्चाओं का बाजार भी गरम है। विधानसभा चुनाव की शुरुआत के साथ ही शैलजा मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी में जुटी हुई हैं। अब उन्होंने एक समाचार एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इस बाबत फैसला हाईकमान को ही लेना है। उन्होंने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता हैं और उनमें इतना वजन है कि उन्हें इस शीर्ष पद के लिए सबसे आगे माना जा सकता है।
सीएम पद को लेकर खींचतान की स्थिति
सिरसा से पिछला लोकसभा चुनाव जीतने वाली कुमारी शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर जवाब हाईकमान को ही देना होगा क्योंकि उसे ही इस संबंध में फैसला करना है। इस शीर्ष पद के लिए जिन लोगों के नाम पर विचार किया जाएगा,उनमें मैं भी शामिल रहूंगी। वरिष्ठता और काम में मैं किसी से पीछे नहीं हूं। ऐसे में मेरा मानना है कि पार्टी हाईकमान मुझे नजरअंदाज नहीं करेगा। हरियाणा कांग्रेस में खींचतान की स्थिति दिख रही है क्योंकि हुड्डा समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते रहे हैं।
हरियाणा की सियासत में शैलजा और हुड्डा के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। हरियाणा कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला शैलजा गुट में शामिल रहे हैं। दलित नेता होने के कारण भी शैलजा की दावेदारी की अनदेखी मुश्किल मानी जाती रही है।
काफी मनाने पर मानी थीं शैलजा
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कुमारी शैलजा की नाराजगी काफी चर्चाओं में रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दखल देने के बाद पार्टी हाईकमान ने उनकी नाराजगी दूर की थी। इसके बाद हरियाणा में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने हुड्डा और शैलजा का हाथ मिलवाया था। इसके जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की थी कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और पार्टी नेताओं में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है।
शैलजा की नाराजगी के बाद भाजपा की ओर से उन्हें पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया गया था जिसे शैलजा ने ठुकरा दिया था। शैलजा ने कहा कि दिल्ली में बहुत सारी अफवाहें फैलती रहती हैं मगर मेरे लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में दिख रही है। राहुल गांधी की रैलियों और यात्रा ने बहुत बड़ा फर्क पैदा कर दिया है।
कांग्रेस ने कर रखी है भाजपा की घेरेबंदी
हरियाणा के पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी। भाजपा को भी पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 40 सीटों पर जीत हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। बाद में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला के समर्थन से सरकार बनाई थी।
2019 में कांग्रेस को 30 सीटों पर जीत मिली थी मगर इस बार कांग्रेस ने भाजपा की नींद हराम कर रखी है। आम आदमी पार्टी से गठबंधन न हो पाने के बावजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भाजपा को घेरने में कामयाब दिख रही है।