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Haryana DSP Murder: पूरा नहीं हुआ शहीद डीएसपी का सपना, अपने गांव में करना चाहते थे खेतीबाड़ी

Haryana DSP murder: डीएसपी सुरेंद्र सिंह 2 अक्टूबर को रिटायर होने वाले थे और उनकी योजना थी कि अपने पैतृक गांव हिसार में रह कर खेतीबाड़ी करें।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 July 2022 10:13 AM IST
Haryana DSP murder
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हरियाणा के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई (photo: social media ) 

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Haryana DSP Murder Case: खनन माफिया का शिकार हुए हरियाणा के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई (Haryana DSP Surendra Singh Bishnoi) का सपना था कि वे अपने गांव में बसकर खेतीबाड़ी करें। डीएसपी बिश्नोई (Haryana DSP) के रिश्तेदारों ने बताया कि वह 2 अक्टूबर को रिटायर होने वाले थे और उनकी योजना थी कि अपने पैतृक गांव हिसार में रह कर खेतीबाड़ी करें। उनके परिवार वालों ने कहा कि कि उन्होंने जिम्मेदारी की भावना के साथ काम किया। वह अक्टूबर में सेवानिवृत्त होने वाले थे और अक्सर बाद में अपनी पुश्तैनी जमीन पर बसने और खेती करने की बात करते थे।

हिसार के आदमपुर के सारंगपुर गांव के रहने वाले डीएसपी बिश्नोई 1994 में सहायक उप निरीक्षक के रूप में हरियाणा पुलिस में शामिल हुए थे।

सुरेंद्र सिंह पुलिस बल में शामिल होने से पहले पशु चिकित्सा और पशुधन विकास सहायक (वीएलडीए) के पद पर थे। सुरेंद्र सिंह वर्ष 2014 तक जिला कुरुक्षेत्र में रहे और सुरक्षा शाखा के प्रभारी, थाना प्रबंधक लाडवा, बाबैन और अपराध शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया।अगस्त 2019 से जून 2020 तक सिंह को शाहाबाद में तैनात किया गया था। वर्तमान में वह जिला नूंह में टौरू डीएसपी के पद पर तैनात थे। वह पहले नूंह में आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन सेवाओं (डायल 122) के लिए नोडल अधिकारी थे। जून 2020 से वह टौरू में तैनात थे।सुरेंद्र सिंह का बेटा कनाडा में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा है और उसकी बेटी बेंगलुरु के एक बैंक में काम करती है।

कर्तव्य की भावना से प्रेरित

उनके भतीजे दिनेश बिश्नोई ने कहा कि वह पूरी तरह से पेशेवर थे और अपने परिवार के सदस्यों के साथ काम के मामलों पर चर्चा नहीं करते थे। उनका एक साहसी व्यक्तित्व था और वे कर्तव्य की भावना से प्रेरित थे।

इस साल अप्रैल से जून के बीच टौरू शहर में एसएचओ के पद पर तैनात इंस्पेक्टर धरम सिंह ने डीएसपी बिश्नोई के साथ मिलकर काम किया था। धरम सिंह ने कहा कि सुरेंद्र सिंह पहले भी इस तरह की कई छापेमारी में शामिल रहे थे। जैसे ही सूचना मिलती थी वह तुरंत तैयारी करते थे और निकल जाते थे।



Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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