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फोर्टिस हॉस्पिटल में बच्ची की मौत, परिवार को थमाया 18 लाख का बिल, जांच के आदेश

गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में सात साल की एक लड़की की मौत पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेंगे।

tiwarishalini
Published on: 21 Nov 2017 4:02 PM GMT
फोर्टिस हॉस्पिटल में बच्ची की मौत, परिवार को थमाया 18 लाख का बिल, जांच के आदेश
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फोर्टिस हॉस्पिटल में बच्ची की मौत, परिवार को थमाया 18 लाख का बिल, जांच के आदेश

चंडीगढ़ : गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में सात साल की एक लड़की की मौत पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेंगे। हॉस्पिटल ने लड़की की मौत के बाद परिवार को 18 लाख रुपए का बिल थमा दिया था। विज ने एक बयान में कहा, "किसी भी हॉस्पिटल को हरियाणा के लोगों की भावनाओं और स्वास्थ्य से खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अधिकारियों को जल्द से जल्द अपनी जांच रिपोर्ट जमा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिससे दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार ने अस्पताल से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। नड्डा ने कहा कि जरूरी हुआ तो मामले में कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के पंजीकरण और विनियमन के संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिखा है। जिससे सुविधाओं और सेवाओं के न्यूनतम मानक को निर्धारित किया जा सके।

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डब्ल्यूएचओ सम्मेलन से इतर नड्डा ने कहा, "यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने फोर्टिस हॉस्पिटल से एक मेडिकल रिपोर्ट मांगी है और हम इस मामले को देखेंगे व जरूरी हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।"

गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में डेंगू के इलाज के दौरान सात साल की आद्या की मौत हो गई। आद्या के माता-पिता को उसके शव को 18 लाख रुपए का भुगतान करने के बाद ले जाने दिया गया। नड्डा ने मामले के सामने आने के बाद यह टिप्पणी की है।

आद्या के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल ने उनकी बेटी को इलाज के दौरान प्रतिक्रियाहीन रहने पर भी तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा। लड़की की मौत 14 सितंबर को हुई थी।

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नड्डा ने कहा, "कृपया मुझे विवरण दीजिए..हम सभी जरूरी कार्रवाई करेंगे।" जैसे ही यह सूचना वायरल हुई, हॉस्पिटल ने एक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा।

हॉस्पिटल के अनुसार, आद्या को गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक अन्य निजी अस्पताल से 31 अगस्त की सुबह लाया गया था।

बयान में कहा गया है, "आद्या को गंभीर डेंगू के साथ भर्ती किया गया था। यह डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल गया। उसे आईवी फ्लूइड व जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया, क्योंकि उसके प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट हो रही थी। उसकी स्थिति बिगड़ रही थी, उसे 48 घंटे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया।"

--आईएएनएस

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