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Haryana Politics: हरियाणा में सियासी घमासान, कांग्रेस को जवाब देने के लिए BJP की मजबूत किलेबंदी, जेजेपी में लगी सेंध
Haryana Politics: तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस राज्य में फ्लोर टेस्ट कराने की कोशिश में जुटी हुई है।
Haryana Politics: देश में एक ओर लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के लिए सियासी घमासान तेज हो गया है तो दूसरी ओर हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच शह और मात का खेल खेला जा रहा है। राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस ने मजबूत घेराबंदी की है। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस राज्य में फ्लोर टेस्ट कराने की कोशिश में जुटी हुई है। कांग्रेस नेताओं ने इसके लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।
दूसरी ओर कांग्रेस की चालों के बाद भाजपा भी सतर्क हो गई है और पार्टी ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में सेंध लगा दी है। जेजेपी के तीन विधायकों ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक की है। भाजपा के इस कदम से माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व सैनी सरकार को बचाने के लिए किलेबंदी में जुट गया है। तीन विधायकों के खट्टर के साथ बैठक करने की सूचना मिलने के बाद जेजेपी की ओर से इन तीनों विधायकों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है।
दुष्यंत चौटाला ने लिखा राज्यपाल को पत्र
हरियाणा में भाजपा सरकार के खिलाफ जननायक जनता पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है। जेजेपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर सैनी सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार फ्लोर टेस्ट नहीं कराती है तो उसे बर्खास्त करके राज्य में नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राज्य की बीजेपी सरकार अल्पमत में है तो उसे गिराने के लिए हम बाहर से समर्थन देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को यह फैसला करना है कि वह राज्य सरकार को गिराने के लिए कोई पहल करेगी या नहीं। विपक्षी दल के रूप में हम सरकार गिराने के पक्ष में हैं मगर इसके लिए कांग्रेस को आगे बढ़कर आना होगा।
जेजेपी के तीन विधायकों का बागी तेवर
दूसरी ओर हरियाणा में इस सियासी उठा पटक के बीच दुष्यंत चौटाला की पार्टी में बगावत की स्थिति दिख रही है। पार्टी के तीन विधायकों ने बागी तेवर दिखाए हैं। जेजेपी के इन तीन विधायकों ने गुरुवार को पानीपत में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक भी की। इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि खट्टर ने जेजेपी को तोड़ने की पटकथा तैयार कर ली है।
खट्टर के साथ मुलाकात करने के बाद इन तीन विधायकों ने कहा कि पार्टी की ओर से राज्यपाल को चिट्ठी लिखे जाने के संबंध में उनसे कोई चर्चा नहीं की गई। दूसरी ओर जेजेपी इन तीन विधायकों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है और इन्हें पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
कांग्रेस की फ्लोर टेस्ट कराने की मांग
इस बीच कांग्रेस ने भी राज्य में फ्लोर टेस्ट कराने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करेंगे। सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो राज्यपाल को तुरंत प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा चुनाव कराना चाहिए। दुष्यंत चौटाला का समर्थन हासिल होने के बाद कांग्रेस का हौसला बढ़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री सैनी ने किया बहुमत का दावा
वैसे इस सियासी उठा पटक के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी सरकार को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बहुमत है। भाजपा सरकार को अल्पमत में होने की चुनौती देने वालों को यह जांच लेना चाहिए कि उनके पास विधायक हैं भी या नहीं।
उन्होंने दावा किया की जरूरत पड़ने पर हम दोबारा विश्वास मत हासिल करेंगे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उन्हें अभी तक न तो किसी विधायक का कोई पत्र मिला है और न राजभवन से किसी भी तरह का दिशा निर्देश प्राप्त हुआ है।