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International Picnic Day 2022: खुले में पिकनिक मनाने से हड्डियां व दांत होते हैं मजबूत, अवसाद होता है दूर
International Picnic Day 2022: खुले में पिकनिक मानाने से विटामिन डी व कैल्शियम के अवशोषण में भी मदद मिलता है, जो हड्डियों, दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है।
International Picnic Day 2022: ज़िंदगी में घूमना-फिरना ज़रूरी है। ख़ुद को चिंताओं से दूर रखने (keep oneself away from worries) के लिए, काम में मन लगाने के लिए और घर-परिवार के संग रिश्ते मजबूत करने के लिए भी एक साथ घूमना व पिकनिक मनाना अति आवश्यक है। लेकिन, पिकनिक मनाने से आपकी सेहत में भी सुधार आ सकता है। आप ख़ुद को स्फूर्तिवान भी महसूस कर सकते हैं।
हर वर्ष 18 जून को अंतरराष्ट्रीय पिकनिक दिवस यानी International Picnic Day मनाया जाता है। जिस मौके पर लोगों के मन में अपनी यात्राओं के सुखद अनुभव व किस्से ज़ेहन में आ जाते हैं। मग़र, पिकनिक के जरिये आप ख़ुद को कैसे स्वस्थ महसूस कर पाते हैं और आपके शरीर में क्या बदलाव आता है, इस पर वरिष्ठ चिकित्सा वैज्ञानिक व ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो.राम शंकर उपाध्याय ने अपने विचार व्यक्त किये हैं।
'पिकनिक मनाना आवश्यक'
प्रो राम शंकर उपाध्याय (Prof. Ram Shankar Upadhyay) का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए विश्राम, व्यायाम, अच्छे भोजन के साथ-साथ घर से बाहर घूमने जाना या पिकनिक मनाना भी आवश्यक है। इससे दौड़-भाग भरी जिंदगी में हमें काफी सुकून मिलता है। उन्होंने बताया कि जब भी मौका मिले दोस्तों व परिवार के साथ घूमने जरूर जाएं। आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार होगा।
सैर-सपाटे के साथ अच्छी सेहत
वरिष्ठ चिकित्सा वैज्ञानिक प्रो. राम शंकर उपाध्याय का मानना है कि पिकनिक हमें प्रकृति से जोड़ने के साथ स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचाता है। यह हमारे शारीरिक व मानसिक तनाव को दूर करता है। इससे अवसाद दूर होते हैं। मस्तिष्क में नए व अच्छे विचार जन्म लेते हैं। उन्होंने बताया, पिकनिक पर जाने से गंभीर रोगों जैसे अस्थमा, सांस की समस्या वाले बच्चों के लिए, प्रकृति के बीच ताजी हवा काफी फायदेमंद होती है।
खुले में पिकनिक मानाने से विटामिन डी व कैल्शियम (Vitamin D and calcium) के अवशोषण में भी मदद मिलता है, जो हड्डियों, दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। प्रो. राम शंकर उपाध्याय के मुताबिक, परिवारिक संबंध में सुधार के लिए पिकनिक बेहतरीन विकल्प है। बच्चों से उन समस्याओं व मुद्दों को साझा करने का मौका मिलता है, जिनका सामना वे विद्यालय या अपने जीवन में करते हैं।