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जया के अंगूठे का निशान लेने वाले निर्वाचन अधिकारी को नोटिस

Rishi
Published on: 27 Sep 2017 2:33 PM GMT
जया के अंगूठे का निशान लेने वाले निर्वाचन अधिकारी को नोटिस
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चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य सचिव को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की दिवंगत महासचिव जे.जयललिता के बीते साल अस्पताल में रहने के दौरान चुनाव के दस्तावेजों पर अंगूठे का निशान लेने के मामले में छह अक्टूबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी जयललिता के अंगूठे के निशान लेने की इजाजत देने से जुड़े दस्तावेज जमा करेंगे और किस तरह यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों व चुनावी आचार नियमों के अनुरूप है, इसकी जानकारी देंगे।

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द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के उम्मीदवार पी. सरवनन ने एआईएडीएमके के ए.के.बोस के बीते साल थिरुप्परनकुनदरम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चुनाव के दस्तावेजों पर जयललिता के अंगूठे के निशान लगाए जाने के संदेह के बाद अदालत से यह मांग की है।

जयललिता अक्टूबर 2016 में अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं, उनके दाहिने हाथ में सूजन था, क्योंकि उनकी ट्रेचेस्टोमी की गई थी।

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उन्होंने एआईएडीएमके उम्मीदवार द्वारा जमा किए गए चुनावी दस्तावेजों पर बाए अंगूठे का निशान था।

जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, एक राजनीतिक दल की तरफ से लड़ रहे उम्मीदवार को फार्म बी जमा करना होता है, जिसमें पार्टी के नेता को उम्मीदवार को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ने के लिए अधिकृत करना होता है।

अरवाकुरिची, थंजावुर व थिरुप्परनकुंदरम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 19 नवंबर को उपचुनाव होने थे और सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए थे।

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एआईएडीएमके के तीन उम्मीदवारों ने निर्वाचन अधिकारी को अपने कागजात जमा किए थे।

जयललिता के अंगूठे के निशान को सरकारी चिकित्सक पी. बालाजी ने प्रमाणित किया था। बालाजी मद्रास मेडिकल कॉलेज में मिनिमल एसेसे सर्जरी के प्रोफेसर हैं।

अपनी टिप्पणी में बालाजी ने कहा, "चूंकि हस्ताक्षरकर्ता की ट्रेचेक्स्टोमी हाल में हुई थी और उसके दाहिने हाथ में सूजन था, इस वजह से वह अपना हस्ताक्षर करने में असमर्थ थीं। इस वजह से जयललिता ने मेरी उपस्थिति में अपने बाएं हाथ के अंगूठे का निशान लगाया।"

अपोलो अस्पताल में काम करने वाले डॉ. बाबू के. अब्राहम ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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