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Kanwar Yatra 2024: नेम प्लेट विवाद पर SC में सुनवाई आज, NGO ने UP सरकार के फैसले को दी है चुनौती
Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश सरकार के नेम प्लेट वाले फैसले के खिलाफ एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। आज इस याचिका पर सुनवाई होनी है। साथ ही NGO ने फैसले को रद्द करने की मांग की है।
Kanwar Yatra 2024: योगी सरकार के नेम प्लेट वाले फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस मामले में एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम की एक NGO ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। NGO की तरफ से दाखिल की गई याचिका में योगी सरकार के नेम प्लेट वाले आदेश को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट आज इस याचिका पर सुनवाई करेगी। बता दें, यूपी में कांवड़ रूट में पड़ने वाली सभी दुकानों, ढाबों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका पर SC के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी। बता दें कि एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एनजीओ ने इस फैसले को रद्द करने की भी मांग की है।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने किया विरोध
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेम प्लेट वाले फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर SC में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल की याचिका भी शामिल हैं। योगी सरकार के इस फैसले पर एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू, रालोद और लोजपा ने भी विरोध जताया है। राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए। बीते दिन एक कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर पहुंचे थे, जहां उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे को लेकर पहले ही बयान दे दिया है और मेरा भी यही स्टैंड है। सभी लोग कांवड़ियों की सेवा करते हैं। कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती। धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता है। इस मामले को धर्म और जाति से नहीं जोड़ना चाहिए।
क्या कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें: जयंत चौधरी
जयंत चौधरी ने आगे मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मालिक और ब्रांड का नाम अलग-अलग हो सकता है। मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या हैं? यह पुराना ब्रांड है, इसके एक या उससे अधिक मालिक हो सकते हैं। सरकार ने यह फैसला सोच-समझकर नहीं लिया है। रालोद अध्यक्ष ने आगे कहा कि मेरा मानना है, अगर किसी होटल पर शाकाहारी खाना बन रहा है तो इस बात से मतलब नहीं होना चाहिए कि खाना कौन बना रहा है। कुछ मुसलमान शाकाहारी हैं तो कुछ हिंदू मांसाहारी भी मिल जाएंगे। अब कहां-कहां नाम लिखें? क्या कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें?