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संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न होने से बोफोर्स घोटाले की सुनवाई 8 मई 2019 तक टली
नई दिल्ली: बोफोर्स घोटाले में मंगलवार को तीस हजारी अदालत में दिल्ली के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आशु गर्ग ने सुनवाई की। उन्होंने मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न होने के चलते अदालत ने सुनवाई टालते हुए कहा कि इस मामले को अब 8 मई 2019 को सुना जाएगा।
बता दें कि भाजपा नेता और वकील अजय अग्रवाल ने 31 मई, 2005 को दिए गए दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। जिसमें सभी आरोपियों पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया गया था।
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31 साल पुराने 64 करोड़ की दलाली से जुड़े बोफोर्स घोटाले की दोबारा जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता व अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने अदालत में याचिका दायर की थी। इनकी याचिका पर सीबीआइ ने नए सुबूतों के आधार पर जांच की इजाजत मांगी थी। तीस हजारी अदालत के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आशु गर्ग की अदालत में एक फरवरी 2018 को दायर याचिका में सीबीआई ने दावा किया था कि एजेंसी के पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं, जो इस मामले में बेहद अहम हैं। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट के केस बंद करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी।
कहां से सामने आया बोफोर्स
बोफोर्स तोपों की खरीद में दलाली का पर्दाफाश अप्रैल 1987 में स्वीडन रेडियो ने किया था। रेडियो के मुताबिक बोफोर्स कंपनी ने भारत के बड़े राजनेताओं और सेना के अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
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