दो दिन बाद मौसम होगा सुहाना, गर्मी से मिलेगी राहत

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तो तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार जा चुका है। देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने पर ही लोगों को बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी। केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का कहर जारी है।

Roshni Khan
Published on: 9 Jun 2019 6:34 AM GMT
दो दिन बाद मौसम होगा सुहाना, गर्मी से मिलेगी राहत
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नई दिल्ली: उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तो तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार जा चुका है। देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने पर ही लोगों को बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी। केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का कहर जारी है।

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भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि करीब एक सप्ताह में केरल से होते हुए देश के अन्य हिस्सों में मानसून पहुंचेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होगी। वहीं, पूर्वोत्तर में मौसम की स्थिति मानसून के अनुकूल होने से असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश के आसार हैं।

गौरतलब है कि उत्तर एवं मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जल संकट की समस्या गहरा जाती है।

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सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर

देश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। इसलिए इसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। ग्रामीण भारत का अधिकांश हिस्सा सिंचाई के लिए चार महीने के मानसून पर आश्रित रहता है। मानसून सीजन में सालाना बारिश का 75 फीसदी पानी बरसता है। एक अच्छे मानसून का अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि भारत की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है।

Roshni Khan

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