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शुरू भारी बर्फबारी: सफ़ेद पहाड़ सी हो गई सड़कें, बंद कर दिये गए सारे हाइवे

हिमाचल के लाहौल स्पीति इलाके में पिछले कई दिन से भारी बर्फबारी हो रही है। ऐसे में मनाली-लेह मार्ग के बाद सैलानियों के लिए अब रोहतांग दर्रा भी बंद कर दिया गया है।

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Published on: 3 Nov 2020 9:54 AM GMT
शुरू भारी बर्फबारी: सफ़ेद पहाड़ सी हो गई सड़कें, बंद कर दिये गए सारे हाइवे
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शुरू भारी बर्फबारी: सफ़ेद पहाड़ सी हो गई सड़कें, बंद कर दिये गए सारे हाइवे (Photo by social media)

लखनऊ: पहाड़ों में इस बार बर्फबारी काफी पहले ही शुरू हो गयी है। हिमाचल प्रदेश में कई दिन से पहाड़ों पर बर्फ गिर रही है। अब आवागमन को भी रोक दिया गया है। मनाली-लेह मार्ग के बारालाचा दर्रे में डेढ़ फीट बर्फ गिरी है। बर्फबारी के कारण बारालाचा दर्रे को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। ये जिले हैं शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर व लाहौल-स्पीति। मैदानी जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और ऊना में आठ नवंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना है लेकिन उसके बाद यहाँ शीतलहर ए संभावना है।

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हिमाचल के लाहौल स्पीति इलाके में पिछले कई दिन से भारी बर्फबारी हो रही है। ऐसे में मनाली-लेह मार्ग के बाद सैलानियों के लिए अब रोहतांग दर्रा भी बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने सैलानियों को अटल टनल होते हुए लाहौल की तरफ न जाने की सलाह दी है क्योंकि लाहौल की ओर अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल में काफी बर्फ गिरी है। भारी हिमपात के मद्देनजर रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। सैलानियों को गुलाबा से आगे जाने की अनुमति नहीं है। बर्फबारी होने से वाहनों के स्किड होने का भी खतरा बढ़ गया है।

उत्तराखंड में लगातार बर्फबारी

उत्तराखंड में भी बर्फबारी जारी है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के आसपास की पहाड़ि‍यों पर सोमवार को बर्फबारी हुई है, केदारनाथ धाम में भी एक बार फिर हिमपात हुआ है। मौसम में बदलाव से धामों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन इसके साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आने के साथ ही श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ रही है। इन दिनों बदरीनाथ धाम में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री नीचे है, वहीं अधिकतम तापमान करीब नौ डिग्री सेल्सियस है।

winter winter (Photo by social media)

जबकि केदारनाथ में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री कम और अधिकतम छह से सात डिग्री सेल्सियस के बीच है। सुबह-शाम पाला जमने से वाहनों के लिए भी दिक्कत बढ़ गई है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और ओले गिरने का असर मैदानों में भी दिख रहा है। देहरादून समेत अन्य मैदानी क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ने लगी है। मसूरी में तो रात के समय पाला पड़ने लगा है। हालांकि, अभी प्रदेश के मैदानी इलाकों में कोहरे का ज्यादा असर नहीं दिखा है।

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इस साल पड़ेगी कड़ाके की ठण्ड

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि इस साल ‘ला नीना’ की स्थिति के कारण कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। चूंकि ला नीना की स्थिति कमजोर है, इसलिए हम इस वर्ष ज्यादा ठंड की उम्मीद कर सकते हैं। वैसे, दिल्ली समेत कई जगहों पर अभी से पारा काफी नीचे चला गया है और खासतौर पर सूर्यास्त के बाद ठण्ड बढ़ने लगी है। ज्यादा ठण्ड पड़ने के कोरोना वायरस की स्थिति बिगड़ने की आशंका है क्योंकि ठण्ड के मौसम में लोग बंद जगह पर ही रहना पसंद करते हैं और बंद जगहें वायरस पनपने और फैलने के लिए अनुकूल होतीं हैं।

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