TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

'500 वर्षों के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को जन्म स्थान पर बने मंदिर में लौट रहे श्रीराम', बोले दत्तात्रेय होसबोले

Ram Phir Laute Book Launched: पुस्तक के लेखक हेमंत शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा, कि 'दो माह से भी कम समय में पुस्तक लिखने की मेरी क्षमता नहीं थी। किंतु राम जी की प्रेरणा ने इसे लिखवा लिया।'

Network
Newstrack Network
Published on: 9 Dec 2023 10:30 PM IST (Updated on: 9 Dec 2023 10:32 PM IST)
Ram Phir Laute Book Launched
X

हेमंत शर्मा की किताब ‘राम फिर लौटे’ का लोकार्पण (Social Media) 

Dattatreya Hosabale on Ramlala: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या मंदिर में होने जा रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र किया। उन्होंने कहा, '14 वर्षों के वनवास के बाद पहले राजमहल में और अब 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में और फिर जन-जन में भगवान श्रीराम लौटेंगे।'

आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने श्रीराम मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण यात्रा को रेखांकित करती पुस्तक 'राम फिर लौटे' का नई दिल्ली में लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा, कि 'राम शुभ हैं, राम मंगल हैं, राम प्रेरणा हैं, विश्वास हैं। वे धर्म की मूर्ति नहीं विग्रह हैं, स्वयं धर्म हैं। जीवन का मर्म हैं, आदि और अंत हैं।

हेमंत शर्मा की पुस्तक का लोकार्पण

दरअसल, अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण यात्रा को रेखांकित करती पुस्तक ‘राम फिर लौटे’ का लोकार्पण हुआ। पुस्तक का लोकार्पण आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने किया। पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा हैं। पुस्तक को प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

'राम शुभ हैं, राम मंगल हैं, राम प्रेरणा हैं...'

इस मौके पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, 'राम शुभ हैं, राम मंगल हैं, राम प्रेरणा हैं, विश्वास हैं। वे धर्म की मूर्ति नहीं विग्रह हैं, स्वयं धर्म हैं। जीवन का मर्म हैं, आदि और अंत हैं। प्रभु श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात पहले राजमहल में और अब 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्म स्थान पर बने भव्य मंदिर में लौट रहे हैं। इसके बाद श्रीराम जन-मन के हृदय मंदिर में लौटेंगे। राष्ट्रीय एकात्मता के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का आंदोलन था। राम मंदिर एक और मंदिर या पर्यटन का केंद्र नहीं है अपितु, यह तो तीर्थाटन का स्तंभ है। श्रीराम की अयोध्या यानी त्याग, अयोध्या यानी लोकतंत्र, अयोध्या यानी मर्यादा है।'

दत्तात्रेय होसबोले- श्रीराम जन्मभूमि के लिए 72 बार संघर्ष हुआ

उन्होंने आगे कहा, 'धर्म की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष सदैव से होता आया है। यह कभी-कभी सृजन के लिए आवश्यक भी होता है। श्रीराम जन्मभूमि के लिए 72 बार संघर्ष हुआ। हर पीढ़ी ने लड़ाई लड़ी। किंतु, कभी हार नहीं मानी। इस संघर्ष में हर भाषा, वर्ग, समुदाय व संप्रदाय के लोगों ने सहभागिता की। श्रीराम जन्मभूमि के इतिहास और संघर्ष की गाथा को अनेक लेखकों ने लिखा है। किंतु आंदोलन के विस्तृत इतिहास को तथ्यों व दस्तावेजों के साथ विस्तार से और लिखे जाने की आवश्यकता है। ऐसी पुस्तकें आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी के लिए भी प्रेरणास्पद हैं।'

'केवल राम मंदिर नहीं, राष्ट्रीय गौरव की नींव पक्की हो रही'

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा, 'अयोध्या में केवल राम मंदिर की नहीं, अपितु राष्ट्र मंदिर व राष्ट्रीय गौरव की नींव पक्की हो रही है। राम हमारी प्रेरणा हैं, हमारी पहचान है, हमारी अस्मिता हैं। श्रीराम हमारे मंदिर में भी हैं और हमारे हृदय मंदिर के कण-कण में भी हैं। उन्होंने कहा कि अब भारत से तुष्टीकरण के बादल छंट रहे हैं, चारों ओर भारतीय संस्कृति का पुनरोदय हो रहा है। अब राम जन-जन में लौटेंगे और भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा।'

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता- आज भी बाबर रूपी शक्तियां हैं

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि, 'आज भी हमारे बीच बाबर रूपी शक्तियां हैं, हमें उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।' कार्यक्रम अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि, राम जी का काम हो रहा है। हमारा सौभाग्य यह नहीं कि हमारे सामने हो रहा है। हमारा सौभाग्य है कि हम सब उसमें अपना-अपना योगदान दे रहे हैं। आगामी 22 जनवरी को 5 लाख से अधिक मंदिरों में संपन्न होने वाले कार्यक्रमों के लिए हम करोड़ों परिवारों को निमंत्रित कर विश्व में 'कृण्वन्तो विश्वमार्यम्' के उद्घोष को सार्थक करेंगे।'

हेमंत शर्मा- इदं रामाय, इदं न मम्

पुस्तक के लेखक हेमंत शर्मा ने अंत में संबोधित करते हुए कहा, कि 'दो माह से भी कम समय में पुस्तक लिखने की मेरी क्षमता नहीं थी। किंतु राम जी की प्रेरणा ने इसे लिखवा लिया। इदं रामाय, इदं न मम्। अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं, एक विचार और भारत की सांस्कृतिक विरासत है। अयोध्या हमारे लोकतंत्र की जननी तथा लोकमंगल व लोक कल्याण की प्रेरणा स्थली है।' नई दिल्ली स्थित डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में मंच का संचालन प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार ने किया।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story