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Jharkhand Political Crisis: क्या पत्नी को सीएम बना पाएंगे हेमंत सोरेन? भाभी के दावे ने बढ़ाई मुश्किलें

Jharkhand Political Crisis: झारखंड सीएम की भाभी सीता सोरेन ने दो टूक कह दिया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हें कल्पना सोरेन कतई मंजूर नहीं है।

Krishna Chaudhary
Published on: 31 Jan 2024 8:42 AM GMT (Updated on: 31 Jan 2024 10:04 AM GMT)
Hemant Soren wife kalpana soren
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Hemant Soren wife kalpana soren  (photo: social media )

Jharkhand Political Crisis: झारखंड की राजनीति में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। जमीन घोटाला और खनन घोटाले में जांच का सामना कर रहे सीएम सोरेन पत्नी सीता सोरेन को अपनी गद्दी सौंपना चाहते हैं। लेकिन उनके इस कवायद में सबसे बड़ी चुनौती उन्हें घर से ही मिल रही है।

झारखंड सीएम की भाभी सीता सोरेन ने दो टूक कह दिया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हें कल्पना सोरेन कतई मंजूर नहीं है। अगर हेमंत सोरेन को सीएम पद छोड़ना पड़ता है तो पहला दावा उनका बनता है क्योंकि वह भी सोरेन परिवार की बहू हैं।

मंगलवार की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं सीता सोरेन

ईडी की ओर से 10वां समन जारी होने के बाद से सीएम हेमंत सोरेन के कैंप में खलबली मची हुई है। अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए झारखंड सीएम काफी समय से आगे की रणनीति बनाने में जुट गए थे, जिसके तहत पत्नी को मुख्यमंत्री पद सौंपना है। इसकी जानकारी लगते ही उनकी भाभी और जेएमएम विधायक सीता सोरेन नाराज हो गईं और यही वजह रही कि मंगलवार को सीएम हाउस में विधायक दल की मीटिंग में अपने समर्थक विधायकों के साथ वो भी शामिल नहीं हुईं।


आक्रमक हुईं सीता सोरेन

कल्पना सोरेन के सीएम बनाने के अटकलों के बीच सीता सोरेन आक्रमक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में वह हेमंत सोरेन की पत्नी को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगी। मेरे पति दिवंगत दुर्गा उरांव ने झामुमो को स्थापित करने के लिए काफी संघर्ष किया है। साल 2019 में भी मेरी उपेक्षा हुई थी लेकिन अब मैं चुप नहीं रहूंगी। दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सीता सोरेन को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया था, तभी से वह नाराज चल रही हैं।


दो सादे कागज पर हेमंत सोरेन ने विधायकों से करवाए दस्तखत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसी भी सूरत में अपनी पत्नी को सीएम पद पर बैठाना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए प्लान बी तैयार कर रखा है, जिसके तहत कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन को मंत्री बनाने की योजना है। चंपई सोरेन झारखंड सीएम के बेहद करीबी माने जाते हैं। हेमंत सोरेन ने मंगलवार की मीटिंग से नदारद रहे झामुमो के सात विधायकों को छोड़कर बाकी सभी विधायकों से एक दो सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं।

एक पत्र में कल्पना सोरेन और दूसरे पत्र में चंपई सोरेन के नाम पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं। जेएमएम सूत्रों के मुताबिक, अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते हैं तो इन दोनों नामों में से किसी एक नाम पर सहमति बनाकर राज्यपाल को विधायकों के समर्थन वाली चिट्टी सौंपी जाएगी। सबसे पहले उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जाएगा। अगर उनके नाम पर सहमति न बनी तब चंपई सोरेन का नाम आगे किया जाएगा।


झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन किसके पक्ष में ?

मौजूदा हालात मे झामुमो के संस्थापक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन की भूमिका काफी अहम हो जाती है। हेमंत सोरेन रांची के मोरहाबादी में रह रहे अपने पिता से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं। बताया जा रहा है कि शिबू सोरेन अपने तीसरे बेटे और झारखंड सीएम बसंत सोरेन को सीएम बनाए जाने के पक्ष में हैं। झामुमो के करीब 18 विधायक भी बसंत और सीता सोरेन के पक्ष में बताए जा रहे हैं, जो फिलहाल खुलकर सामने आने से बच रहे हैं। इन सब परिस्थितयों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए राहत की बात ये है कि कांग्रेस, राजद और माले जैसी सहयोगी पार्टियों ने उन्हें समर्थन देने का खुला ऐलान किया है, जिनके बिना सरकार बनाना असंभव है।


कौन हैं सीता सोरेन ?

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खुलेआम बगावत कर सीता सोरेन राष्ट्रीय मीडिया में छाई हुई हैं। वह शिबू सोरेन की सबसे बड़ी बहू हैं। वह दुमका की जामा सीट से तीन बार की विधायक हैं। ओडिया के मयूरभंज में पैदा हुईं सीता सोरेन की तीन बेटियां हैं। उनके पति और शिबू सोरेन के सबसे बड़े बेटे दुर्गा सोरेन को राज्य की राजनीति में उनके उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था। वह पार्टी में महासचिव के पद पर कार्यरत थे।

साल 2009 में बोकारो में महज 39 साल के उम्र में संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी। मौत की वजह किडनी का फेल होना बताया गया। उनके निधन के बाद ही पार्टी में मौजूद सीएम हेमंत सोरेन का कद बढ़ता चला गया। सीता सोरेन की तीन बेटियों में से दो बेटियां राजश्री और जयश्री ने साल 2021 में एक अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया,जिसका नाम दुर्गा सोरेन सेना है। बता दें कि सीता सोरेन ने बीत पांच सालों में अपनी ही पार्टी की सरकार को अवैध खनन के मुद्दे पर जमकर घेरा, जिसके कारण उनके सीएम सोरेन से रिश्ते बिगड़ते चले गए।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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