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अलर्ट: यमुना नदी ला सकती है भारी तबाही, ये इलाके रहेंगे प्रभावित
सहारनपुर: मुंबई, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर भारत के प्रमुख राज्य और देश का दिल दिल्ली समेत यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अब बारिश का कहर देखने को मिल सकता है। हाल यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बारिश से प्राचीन और ऐतिहासिक यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में सहारनपुर प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है। इसके अलावा यमुनानदी पर बने हथनीकुंड बैराज से 1 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो दिल्ली में पहुंचने पर तबाही बचा सकता है। इस पानी को दिल्ली तक पहुंचने में 72 घंटे तक का समय लगेगा।
पहाड़ों की बारिश बनेगी आफत
पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। जिसने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। सूत्रों की मानें तो यमुना नदी का बढ़ता जल स्तर दिल्ली में भी बाढ़ ला सकता है। उधर सहारनपुर जिला प्रशासन ने शिवालिक पहाड़ियों पर अतिवृष्टि के चलते क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया है।
बीते कई दिन से शिवालिक पहाड़ियों में रुक रुक हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सहारनपुर जनपद की तमाम बरसाती नदियां उफान पर आ गई हैं। इन नदियों का का संपर्क यमुना नदी से भी है, इसलिए यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
छोड़ा गया एक लाख 80 हजार क्यूसेक पानी
गुरुवार को हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया। यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसने आसपास के गांवों की चिंता बढ़ा दी है। यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से संकट खड़ा हो गया। पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से यमुना का जलस्तर और अधिक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। लगातार बढ़ रहे यमुना के जल स्तर से आसपास की सीमाओं सहित दिल्ली में भी बाढ़ के आसार बन सकते हैं। जिसको नकारा नहीं जा सकता। बाढ़ को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। प्रशासन ने क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है। यमुना का जलस्तर किसी भी समय और अधिक बढ़ सकता है।
10 साल पहले आई थी तबाही
करीब 10 साल पूर्व यमुना नदी में आई बाढ़ से अंग्रेजी हुकूमत में बने लांडा पुल धराशाही हो गया था। तथा शासन और प्रशासन 3 दिन हथिनीकुंड बैराज पर डेरा डाले पड़ा रहा था। यमुना नदी किनारे बसे गांवों के लोग पलायन को बाध्य हो गए थे। लोगों ने आस-पास के गांव में डेरा डालना शुरू कर दिया था। 3 दिन के बाद हालात काबू हुए थे। इस बारे में क्षेत्र में काफी तबाही मचाई थी जिसकी भरपाई सिंचाई विभाग ने कई साल में की थी। लोगों को आज भी वह डर सताता का है
जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने कहा कि भारी वर्षा के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है जिसके चलते संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है।
ग्रामीण और श्रद्धालु पानी में फंसे
बुधवार रात से हो रही बारिश से जहां यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया और वह खतरे के निशान से उपर बह रही है, वहीं दूसरी ओर बरसाती नदियां भी पूरी तरह से उफान पर आ गई है। हाल यह है कि शाकंभरी देवी में आए पानी से श्रद्धालु पानी के बीचोबीच फंस गए हैं। कई श्रद्धालुओं ने भागकर अपनी जान बचाई। श्रद्धालुओं के कई वाहन नदी की तेज धार में बहे, बाढ़ आने से दर्जनो गांवो का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है। छात्र-छात्राएं स्कूल कालेज नहीं पहुंच पा रहे हैं। अपने गांव जाने के लिए लोग जान पर खेल कर नदी पार कर रहे हैं। आपको बता दें कि बेहट क्षेत्र शाकुम्भरी नदी, मशखरा नदी, चपडी नदी, गांगराव नदी, चचार नदी समेत दर्जनों नदियों के जाल से घिरा हुआ क्षेत्र है।