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Mumbai news : उद्धव ठाकरे गुट को मिली बड़ी राहत,बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की करने की अनुमति उद्धव ठाकरे को दे दी है।
Mumbai news : शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर उद्धव गुट और शिंदे गुट में चल रही सियासी जंग में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने उद्धव गुट को बड़ी राहत देते हुए शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले बीएमसी ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के उद्धव गुट के अनुरोध को ठुकरा दिया था।
उद्धव और शिंदे गुट के बीच शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन को लेकर कई दिनों से जबर्दस्त खींचतान चल रही थी। बीएमसी की ओर से आवेदन ठुकराए जाने के बाद उद्धव गुट के नेताओं ने कहा था कि उन्हें अब भी शिवाजी पार्क मिलने की उम्मीद बनी हुई है। उन्होंने हाईकोर्ट से इस मामले में सकारात्मक फैसला आने की उम्मीद जताई थी।
नाक का सवाल बन गया था शिवाजी पार्क
दरअसल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन को उद्धव गुट और शिंदे गुट ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। दोनों गुटों की ओर से रैली के आयोजन के लिए बीएमसी के पास आवेदन किया गया था। बीएमसी ने इस मामले को काफी दिनों तक लटकाए रखा। दरअसल बीएमसी को किसी भी गुट का आवेदन ठुकराए जाने के बाद सियासी बवाल होने की आशंका थी। बीएमसी ने इस मुद्दे पर कानून के जानकारों से सलाह मशविरा करने के बाद उद्धव गुट के आवेदन को ठुकरा दिया था।
बीएमसी की ओर से शिंदे गुट को भी बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए मैदान आवंटित किया गया है। बीएमसी की ओर से आवेदन ठुकराए जाने के बाद शिवसेना नेताओं में काफी नाराजगी दिख रही थी। लंबे समय तक आवेदन लटकाए जाने के कारण यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया था। अब हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन की अनुमति दे दी है।
उद्धव गुट को था पूरा भरोसा
बीएमसी की ओर से आवेदन ठुकराए जाने के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अनिल परब का कहना था कि रैली का यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है और हमें हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। उनका यह भी कहना था कि हमें यह पूरी उम्मीद है कि हाईकोर्ट की ओर से हमें शिवाजी पार्क में ही रैली के आयोजन की अनुमति मिल जाएगी। पार्टी के अन्य नेताओं का भी कहना था कि शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन पर उद्धव गुट का ही पहला हक है और हाईकोर्ट निश्चित रूप से इस मामले में न्याय करेगा।
हाईकोर्ट का बीएमसी को आदेश
इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने शिंदे गुट के विधायक सदा सनवरकर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दशहरा रैली के आयोजन के लिए शिवाजी पार्क के आवंटन की मांग की गई थी। हाईकोर्ट के जस्टिस रमेश डी धानुका और जस्टिस कमल खाता की बेंच नेउद्धव गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट में बीएमसी को आदेश दिया कि दशहरा रैली के आयोजन के लिए शिवाजी पार्क का आवंटन उद्धव गुट को किया जाना चाहिए। दशहरा रैली का यह महत्वपूर्ण आयोजन 5 अक्टूबर को किया जाना है। हाईकोर्ट ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उचित बंदोबस्त किया जाना चाहिए।
शिवाजी पार्क इसलिए है अहम
शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को शिवसेना के लिए काफी अहम माना जाता रहा है। इस पार्क से ठाकरे परिवार का भावनात्मक लगाव रहा है क्योंकि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना के बाद 1966 में पहली बार शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली का आयोजन किया था। बाल ठाकरे के पिता भी दशहरा के मौके पर उत्सव का आयोजन किया करते थे और इसी कारण बाल ठाकरे ने भी दशहरा रैली की शुरुआत की थी।
बाल ठाकरे ने 1966 के बाद हर साल इसी पार्क में रैली को संबोधित किया। उनके निधन के बाद उद्धव ठाकरे अभी तक इस परंपरा को निभाते रहे हैं। महाराष्ट्र में पहली बार भाजपा शिवसेना की सरकार बनने पर इसी मैदान पर शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया था। इसी कारण उद्धव गुट ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा था मगर इस गुट को बीएमसी ने बड़ा झटका दिया था।
शिंदे गुट को लगा बड़ा झटका
हाईकोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के बाद उद्धव गुट के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। उद्धव गुट के नेता दशहरा रैली के जरिए अपनी ताकत दिखाने में जुटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रैली में भीड़ जुटाने के लिए पिछले दिनों शिवसेना के पदाधिकारियों की बैठक भी की थी। इस बैठक में उन्होंने शिवसेना नेताओं को अभी से रैली की तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया था। उनका कहना था कि राज्य की जनता का समर्थन अभी भी हमें हासिल है और कार्यकर्ताओं को रैली में अपनी ताकत दिखाकर शिंदे गुट को बड़ा झटका देना है। हाईकोर्ट का यह आदेश शिंदे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। शिंदे गुटको अब वैकल्पिक रूप से मुहैया कराए गए स्थान पर रैली का आयोजन करना होगा।