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सर्विस टैक्‍स: कोचिंग, इंश्योरेंस, मोबाइल बिल महंगे, और क्‍या असर?

Admin
Published on: 29 Feb 2016 6:35 PM IST
सर्विस टैक्‍स: कोचिंग, इंश्योरेंस, मोबाइल बिल महंगे, और क्‍या असर?
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नई दिल्‍ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को पेश आम बजट एग्रीकल्चर के नाम किया। बजट में जहां छोटे टैक्स पेयर्स को मामूली राहत दी गई है। वहीं सर्विस टैक्स बढ़ने से हर तरह की चीज महंगी हुई है। इनकम टैकस स्लेब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि सुपर रिच टैक्स बढ़ाया गया है।

सर्विस टैक्स बढ़ने से जेब होगी ढ़ीली

-चार्टर्ड अकाउंटेंट अरविंद कुमार जायसवाल का कहना है कि सर्विस टैक्स बढ़ाकर 14.5 से 15% किया गया है। इससे महंगाई में इजाफा होगा।

-आधा फीसदी का इजाफा किसान कल्याण कर के तौर पर किया गया है।

-यानि मीडिल क्लास पर एक और बोझ बढ़ेगा।

ये चीजें हुई महंगी

अब आपको फोन बिल के लिए ज्यादा पेमेंट करना होगा। इसके अलावा फोन बिल, रेस्टोरेंट में खाना, ब्यूटी पॉर्लर जाना, बिल बेस्ड सभी सर्विसेस बढ़ेंगी, मूवी टिकट, हवाई सफर, रेल टिकट, केबल, बीमा पॉलिसी के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे।

छोटे परिवारों को मिली रिलीफ

अरविंद कुमार जायसवाल का कहना है कि बजट में छोटे टैक्स पेयर्स को राहत दी गई है। पांच लाख रुपए सालाना से कम इनकम वालों के लिए टैक्‍स सिलिंग 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपए किया गया है। इस कैटेगरी में 2 करोड़ टैक्स पेयर्स आते हैं। इसके अलावा 80जीबी के तहत हाउस रेंट छूट की सीमा 24 हजार से बढ़ाकर 60 हजार रुपए की गई है।

महीने के बजट से एडजस्ट करना पड़ेगा खर्च

राजधानी के गोमतीनगर निवासी हरीराम पांडेय का कहना है कि उनकी इनकम 20 हजार रुपए प्रति माह है। इसमें दो बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी शामिल है। सर्विस टैक्स बढ़ने के बाद अब बजट में बच्चों की कोचिंग फीस और परिवार के घूमने-फिरने के बढ़े हुए खर्चे को बजट से एडजस्ट करना पड़ेगा।

हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट के वाइस चेयरमैन प्रेम खंडेलवाल का कहना है कि बजट में पहली बार घर खरीदने पर ब्याज में 50 हजार की छूट का प्रावधान किया गया है। इससे हाउसिंग सेक्टर मजबूत होगा।

-यह छूट 50 लाख से कम के मकान पर मिलेगा।

-इसके अलावा 60 वर्ग मीटर तक के मकान की खरीद पर टैक्स से छूट मिलेगी।

बढ़ाना चाहिए था टैक्स स्लेब

सीए अरविंद कुमार जायसवाल का कहना है कि सरकार को टैक्स स्लेब बढ़ाना चाहिए था। चूंकि महंगाई बढी है तो इसी अनुपात में टैक्स का स्लेब भी बढ़ना चाहिए। लोगों को उम्मीद थी कि टैक्स स्लेब बढ़ाए जाने से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी।

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