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Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश में रोपवे हुआ खराब, हवा में अटकी 8 जिंदगियां, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Timber Trail (केबल कार) में आई दिक्कतों की वजह से 8 लोगों की जान हवा में लटकी हुई है। तकनीकी टीम जल्द से जल्द केबल कार सेवा को ठीक करने की कोशिश कर रही है।

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Written By aman
Published on: 20 Jun 2022 10:00 AM GMT (Updated on: 20 Jun 2022 10:16 AM GMT)
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Ropeway stuck in solan Himachal Pradesh

Himachal Pradesh Ropeway : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के परवाणू (Parwanoo) में सोमवार (20 जून) को रोपवे (Cable Car) में दिक्कत आ गई। इस वजह से केबल कार में फंसे 8 पर्यटकों की जान फंसी हुई है। हालांकि, राहत और बचाव के कार्य जारी हैं। फंसे टूरिस्ट को बचाने के लिए दूसरी केबल कार ट्रॉली भेजी गई है।

जानकारी के अनुसार, Timber Trail (केबल कार) में आई दिक्कतों की वजह से 8 लोगों की जान हवा में लटकी हुई है। तकनीकी टीम जल्द से जल्द केबल कार सेवा को ठीक करने की कोशिश कर रही है। वहीं, स्थानीय पुलिस पूरी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।

यह मामला हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की है। सोलन में मौजूद Timber Trail यानी केबल कार से फिलहाल एक पर्यटक को बचा लिया गया है। शेष जिंदगियों को बचाने की कोशिशें तेज हैं।

ये बताया सोलन एसपी ने

इस हादसे के बारे में सोलन के एसपी वीरेंद्र शर्मा (Solan SP Virender Sharma) बताया है, कि करीब 1:30 बजे परवाणू के टीटीआर में तकनीकी दिक्कत आने की वजह से केबल कार बीच में ही अटक गई। केबल कार में फंसे पर्यटकों ने बताया है कि वे लोग रिजॉर्ट जा रहे थे। तभी तकनीकी दिक्कत के कारण फंस गए। उनका कहना है कि रेस्क्यू ट्रॉली के जरिये फंसे लोगों को नीचे उतारा जा रहा है। प्रयास तेज हैं। लेकिन, वे (फंसे लोग) उतरने की स्थिति में नहीं हैं।

तब 3 दिनों तक अटकी रही थी 10 जिंदगियां

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, ऐसी ही घटना हिमाचल के कसौली तहसील के परवाणू क्षेत्र में पहले भी घट चुकी है। वो वाकया अक्टूबर, 1992 का था। उस समय 10 लोगों की सांसें इसी प्रकार हवा में अटकी रही थीं। उस वक़्त तीन दिनों तक 10 जिंदगियां हवा में अटकी रही। इस दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई थी।

सेना और वायुसेना ने बचाई थी जान

1992 वाली घटना में सेना और वायु सेना के संयुक्त प्रयास एक बाद सैकडों फुट की ऊंचाई पर फंसे लोगों की जान बचाई गई थी। तब टिंबर ट्रेल रोपवे (Timber Trail Ropeway) में ट्राली फंसने की सूचना चारों तरफ फैल गई थी। इनमें फंसे अधिकतर टूरिस्ट दिल्ली और पंजाब के थे।

हिचकोले खाकर रुकी थी ट्रॉली

11 अक्टूबर, 1992 को जब कालका-शिमला नेशन हाईवे स्थित परवाणू के पास बने टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट में चलने वाली रोपवे ट्रॉली में पर्यटक बैठकर जा रहे थे ,तभी सैकड़ों फुट की ऊंचाई पर ट्रॉली अचानक झटके के साथ रुक गई। अंदर बैठे लोग सहित ट्रॉली तार पर हिचकोले खाने लगी थी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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