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बजने को है हिमाचल में चुनावी डंका, कभी भी लग सकती है आचार संहिता

aman
By aman
Published on: 26 Sept 2017 2:26 PM IST
बजने को है हिमाचल में चुनावी डंका, कभी भी लग सकती है आचार संहिता
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बजने को है हिमाचल में चुनावी डंका, कभी भी लग सकती है आचार संहिता

Ved Prakash singh Ved Prakash singh

शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में चुनाव आयोग जोर-शोर से जुटा है। चुनावी तैयारी की समीक्षा में पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने इस बात के संकेत दिए हैं कि जल्द ही प्रदेश में आचार संहिता लागू की जा सकती है।

इस दौरान आयोग ने चुनाव के समय सहित अन्य बातों सभी राजनीतिक दलों की राय मांगी है। ज्यादातर दल नवंबर मध्य तक चुनाव करवाने पर राज़ी नज़र आए। अगर चुनाव आयोग इनकी सलाह पर गौर करता है तो अगले सप्ताह कभी भी प्रदेश में आचार संहिता लग सकती है। इस बार दृष्टिबाधित छात्रा मुस्कान को चुनाव आयोग ने हिमाचल का 'यूथ आइकॉन' बनाया है। मुस्कान एक गायिका भी हैं साथ ही कई प्रतिष्ठित रियलिटी शो में भी हिस्सा ले चुकी हैं।

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कमान महिलाओं के हाथ में

इस चुनाव के दौरान सबसे अलग बात महिलाओं की भागीदारी को लेकर किए जाने वाला प्रयास है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार हर हलके में दो ऐसे पोलिंग स्टेशन बनाए जायेंगे, जिनका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हवाले रहेगा। उन्होंने कहा, कि 68 सदस्यीय विधानसभा की कुल 136 पोलिंग बूथ को मॉडल पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। जिसमें मतदान करवाने से लेकर रिटर्निंग ऑफिसर तक की सभी जिम्मेदारी महिलाएं उठाएंगी।

गौरतलब है, कि प्रदेश भर में कुल 7479 पोलिंग स्टेशन हैं। हर बूथ पर रैम्प, पीने का पानी, शौचालय बिजली और वेटिंग रूम की सुविधा करने के निर्देश भी चुनाव आयोग ने प्रशासन को जारी किए हैं।

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इस बार ख़ास है चुनाव आयोग की योजना

अचल कुमार ज्योति ने बताया, कि इस बार चुनाव आयोग कई ख़ास योजनाओं के साथ चुनाव संपन्न करवाने पर विचार कर रहा है। जिससे विश्वसनीयता पर सवाल न उठाए जा सकें। इसके अलावा उन्होंने एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया, जो बूथ तक का रास्ता लोगों को बताएगा।

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पहली बार वीवीपीएटी मशीन के मतों की भी होगी गणना

अचल कुमार ज्योति ने कहा, कि हिमाचल में पहली बार हर विधानसभा क्षेत्र के किसी एक पोलिंग स्टेशन की ईवीएम मतों की गणना के साथ-साथ वहां लगी वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों की भी गणना की जाएगी।

राजनैतिक पार्टियां भी फ्रंटफुट पर

गेंद चुनाव आयोग के पाले में जाए इससे पहले ही सभी राजनैतिक पार्टियां लोकलुभावन वादों की भरमार और अपनी ‘गोटियां’ सेट करने की जुगत में लग गई हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो सरकार के तमाम विभागों में सिफारिशी पत्रों की भरमार है, जिसमें लोग अपने चहेतों को आचार संहिता लगाने के पहले ही मनचाही प्रमोशन पोस्टिंग दिलवाना चाहते हैं।

एम्स का 'टॉनिक'

एक तरफ जहां राज्य सरकार का प्रयास है कि वह लोकलुभावन वादों की झड़ी लगा दे, लेकिन मास्टर स्ट्रोक लगाने में माहिर माने जाने वाले मोदी इस बार फिर बाजी मार सकती है। वे तीन अक्टूबर को हिमाचल के बिलासपुर में एम्स की सौगात देने आयेंगे। इसके बाद आचार संहिता लग सकती है। एम्स को लेकर हिमाचल के लोगों में खासा उत्साह है। वहीं, इसे बीजेपी भी एम्स को 'टॉनिक' की तरह इस्तेमाल कर अपना चुनावी स्वास्थ्य सुधारने की फिराक में है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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