×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

हिमाचल चुनाव : महेश्वर के साथ से BJP करेगी 'कुल्लू किला' फतह ?

कुल्लू विधानसभा पर मौजूदा विधायक और राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले नेता महेश्वर सिंह क्षेत्रीय राजनीति के महारथियों में से एक गिने जाते हैं।

tiwarishalini
Published on: 6 Nov 2017 12:26 PM IST
हिमाचल चुनाव : महेश्वर के साथ से BJP करेगी कुल्लू किला फतह ?
X
एग्जिट पोल:जोरदार जंग हुई, गुजरात में फिर खिलेगा कमल

नई दिल्ली : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश यूं तो अपनी बरसों पुरानी खूबसूरती और हरियाली के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन पर्यटकों को इस राज्य की जो एक चीज सबसे ज्यादा पसंद है वह है कुल्लू और मनाली पर्यटन स्थल। गर्मी के मौसम में देश के कोने कोने से पर्यटक यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं।

जब यह क्षेत्र देश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है तो यहां की राजनीति भी इस क्षेत्र के विकास के लिए अहम मानी जाती रही है। परीसीमन के बाद कुल्लू और मनाली दोनों विधानसभा क्षेत्र अलग-अलग हो गए थे।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा सीट संख्या-23 कुल्लू विधानसभा। मंडी लोकसभा क्षेत्र के अंर्तगत और कुल्लू जिले का हिस्सा कुल्लू विधानसभा की कुल आबादी 117,238 है, जिसमें से इस बार 76230 मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर सकेंगे। विज नदी के किनारे बसे कुल्लू क्षेत्र को 'देवताओं की घाटी' कहा जाता है। सिल्वर वैली के नाम से प्रसिद्ध यह क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के साथ साथ एडवेंचर स्पोर्ट के लिए खासा मशहूर है। कुल्लू क्षेत्र हवाई सेवा से जुड़ चुका है। कुल्लू विधानसभा राजनीतिक पृष्ठभूमि की दृष्टि से राजपूत बहुल क्षेत्र है और इसके बाद नंबर ब्राह्मण मतादाताओं का आता है। इस क्षेत्र की यह खासियत रही है कि यहां बरसों से राज परिवार राज करता आया है।

यह भी पढ़ें ... हिमाचल चुनाव: कुल्लू से अलग मनाली में नींव बनाने और बचाने की भिड़ंत

कुल्लू विधानसभा में 1967 के बाद से अब तक हुए 11 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छह बार बाजी मारी है, जिसमें से अकेले चार बार 1985, 1990, 1998 और 2003 में राज किशन गौड़ ने कांग्रेस का इस सीट पर प्रचम लहराया था। राज के बाद कांग्रेस इस सीट को पिछले एक दशक से हथियाने में कामयाब नहीं हो पाई है। जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन बार 1982, 1993 और 2007 में इस सीट पर कब्जा जमाया था। इसके अलावा यहां से एक बार जनता पार्टी और एक दफा हिमाचल लोकहित पार्टी ने जीत हासिल की है। चुनाव से पहले हिमाचल लोकहित पार्टी का भाजपा में विलय हो गया है।

कुल्लू विधानसभा पर मौजूदा विधायक और राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले नेता महेश्वर सिंह क्षेत्रीय राजनीति के महारथियों में से एक गिने जाते हैं। 68 वर्षीय सिंह ने 1972 में कुल्लू नगर पालिका का सदस्य बन अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद वे जनता पार्टी में शामिल हो गए और जनता पार्टी के विधायक दल के महासचिव बने। सिंह दो बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं और तीन बार भाजपा के बैनर तले सांसद रहे हैं। लेकिन पार्टी की नीतियों के विरोध के चलते उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया और अपनी नई पार्टी हिमाचल लोकहित पार्टी का गठन किया और 2012 में कुल्लू से विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा और कांग्रेस को सकते में डाल दिया।

भाजपा ने अपनी जड़ें कमजोर होती देख महेश्वर को मनाया और इसका असर भी देखने को मिला। चुनाव से पहले ही हिमाचल लोकहित पार्टी का भाजपा में विलय हो गया और अब महेश्वर भाजपा के टिकट से कुल्लू सीट पर बतौर उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं।

यह भी पढ़ें ... हिमाचल चुनाव : धूमल का ‘इंटरव्यू’, जानिए उनके मन की बात

वहीं, कांग्रेस ने महेश्वर सिंह के खिलाफ सुरेंद्र सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह ठाकुर दूसरी बार महेश्वर सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस पिछले एक दशक से कुल्लू विधानसभा से दूर रही है ऐसे में पार्टी राजपूत बहुल क्षेत्र में ठाकुर के सहारे अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटी है। इसके अलावा राष्ट्रीय आजाद मंच की उम्मीदवार रेणुका डोगरा और निर्दलीय उम्मीदवार कमल कांत शर्मा चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

राजपूत बहुल क्षेत्र होने और राज परिवार का दबदबा होने के कारण कुल्लू विधानसभा सीट वीआईपी सीटों में शुमार है। एक तरफ जहां राज घराने के दिग्गज नेता हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने एक दशक पुराने रिकॉर्ड को सुधारने की कोशिश में है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में 9 नवंबर को मतदान होना है और मतगणना 18 दिसंबर को होगी।

--आईएएनएस



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story