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हिमाचल विधानसभा चुनाव: आया मौसम खोजने पार्टी 'अनुकूल' का
मोहब्बत अदावत वफा बेरुखी, सब किराए के घर थे बदलते रहे। बशीर बद्र अगर आज के दौर में यह गजल लिख रहे होते तो यकीनन वे इसमें राजनीति शब्द को जरूर जोड़ते। हिमाचल में आदर्श चुनाव संहिता की घोषणा हो गई है। आंतरिक गुटबंदी और अंतर्कलह से जूझ रही राजनैतिक पार्टियों में अब प्रवास का मौसम भी शुरू हो गया। लम्बे समय तक सत्ता की मलाई खाने वाले नेता अब बदली सियासी आबो-हवा में अपने लिए अनुकूल ठिकाने ढूंढने में मशगूल हैं ।
वेद प्रकाश सिंह
शिमला: मोहब्बत अदावत वफा बेरुखी, सब किराए के घर थे बदलते रहे। बशीर बद्र अगर आज के दौर में यह गजल लिख रहे होते तो यकीनन वे इसमें राजनीति शब्द को जरूर जोड़ते। हिमाचल में आदर्श चुनाव संहिता की घोषणा हो गई है। आंतरिक गुटबंदी और अंतर्कलह से जूझ रही राजनैतिक पार्टियों में अब प्रवास का मौसम भी शुरू हो गया। लम्बे समय तक सत्ता की मलाई खाने वाले नेता अब बदली सियासी आबो-हवा में अपने लिए अनुकूल ठिकाने ढूंढने में मशगूल हैं ।
चोरी छुपे नेताओं में होने वाली गुटर गू अब रंग ला रही है ।
इस उलटफेर का सबसे पहला शिकार कांग्रेस हुई। एकतरफ जहां कांग्रेस गुरुदासपुर लोकसभा उपचुनाव में बम्पर जीत में अपने लिए संजीवनी तलाश रही है वहीं उसके महारथी ही उसके उम्मीदों पर पलीता लगाने पर अमादा हैं। मंडी और आस पास के इलाकों में अपना खास प्रभाव रखने वाले अनिल शर्मा कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी के पहलू में आ बैठे। अनिल शर्मा को वीरभद्र सिंह ने ग्रामीण विकास, पंचायती राज व पशुपालन विभाग मंत्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का काम काज सौंपा था ।
बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेसी नेताओं की फौज
पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो अभी यह दलबदल बस अंगड़ाई है, आगे की लड़ाई और भी लम्बी हैं। बीजेपी के सूत्रों की माने तो बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेसी नेताओं की फ़ौज खड़ी है। इस लिस्ट में अगला नाम है नगरोटा से विधायक कांग्रेसी दिग्गज परिवहन और नागरिक आपूर्ति मंत्री जीएस बाली। इसके पहले भी कई बार जीएस बाली के बीजेपी में जाने की अफवाह फैल चुकी है। लेकिन बाली ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, हाल ही में बाली ने कहा था जो होगा वह सब सामने आ जाएगा।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस को बाय-बाय कहने वाले अगले नेता घुमारवीं से विधायक राजेश धर्मानी भी हो सकते हैं। इसके अलावा चंबा से कांग्रेस नेता हर्ष महाजन भी कांग्रेस को नमस्ते कह बीजेपी के पालें में आने की चर्चा जोरों पर हैं ।
असमंजस की है स्थिति
सिर्फ 23 दिन का समय बचा है लेकिन ज्यादातर नेता अभी भी अपने पत्तें खोलने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों की माने तो पाला बदलने से पहले सभी नेता अपनी गोटियां सेट करना चाहते हैं। इसलिए कईयों के दिल्ली में दरबार करने की भी सूचनाएं हैं। सूत्रों की माने तो इसी हां ना की वजह से अभी तक टिकट का ऐलान भीं नहीं हो पाया है। ज्यादा दिन चुनाव में बचे नहीं है, इसलिए पॉलिटिकल पंडितों की उम्मीद है कि यह हफ्ता दोनों पार्टियों को दल-बदल के झटके देता रहेगा। नाम न छापने की शर्त पर बीजेपी के एक वरिष्ट पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस के कई लीडर बीजेपी ज्वॉइन करना चाहते हैं, सब जल्द ही जनता के सामने आ जाएगा। जबकि जानकारों की मानें तो लम्बे समय से इन दिग्गजों के बीजेपी में शामिल होने पर कई रूट लेवेल पर कार्य कर रहे बीजेपी नेताओं के टिकट कट सकते हैं, अगर ऐसा हुआ तो आंतरिक भीतरघात और असंतोष के साथ साथ बीजेपी नेता भी कांग्रेस ज्वाइन कर पार्टी को सबक सिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे।
क्या बोले वीरभद्र सिंह?
सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि अनिल शर्मा बहुत जूनियर लीडर है, उनके पार्टी छोड़ने को झटका नहीं कहा जा सकता है। यह कोई पहली बार नहीं है, इसके पहले उनके पिताजी भी कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बना चुके हैं। वहीं अपने पुराने सहयोगी जीएस बाली के बीजेपी में जाने की अटकलों पर टिप्पड़ी करते हुए उन्होंने कहा कि अरुण जेटली से उनके पुराने सम्बन्ध हैं। वो भी जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं।
सीएम ने कहा कि बाली पहले भी कई बार बीजेपी में जाने की बात कह चुके हैं। हालांकि सीएम अनिल शर्मा के बीजेपी में जाने को कोई झटका भले ही नहीं स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मंडी के आस पास की सीटों पर अनिल शर्मा और उनके परिवार के प्रभावों की जानकारी खूब है, सूत्रों की माने तो अनिल शर्मा की बीजेपी ज्वाइन करने की घोषणा के बीच स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कॉल सिंह के साथ उन्होंने अपने निवास होली लॉज में मीटिंग कर ताज़ा हालात पर चर्चा की ।