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Adani Group : सुप्रीम कोर्ट ने दी अडानी को क्लीन चिट

अमेरिका की एक नामी रिसर्च एजेंसी हिंडेनबर्ग जिसने एक रिर्पोट प्रकाशित की थी। उस रिपोर्ट के कारण अडानी को एक ही झटके में 1.44 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा दिया था।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 5 Jan 2024 5:20 AM GMT
India News
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Supreme court verdict source : Newstrack 

New Delhi : यह केस लम्बे समय से सुर्खियों में बना रहा है। अडानी जी का जिक्र सदन में न हो ऐसा लम्बे समय तक संभव नहीं है। ये आज जो अडानी जी का नाम सुर्खियों में है उसमें वह कुछ जीतते हुए नज़र आ रहे हैं। जिन पर कांग्रेस कभी सवाल उठाए बिना नहीं रहती हैं। आज इसी पर हम विस्तारपूर्वक चर्चा करने वाले हैं और यह हिंडेनबर्ग से किस तरह जुड़ा हुआ है इस पर भी नज़र डालेंगे।

जानिए क्या हैं पूरा मामला

समय था आज से ठीक एक साल पहले 27 जनवरी की जब अमेरिका की एक नामी रिसर्च एजेंसी हिंडेनबर्ग जिसने एक रिर्पोट प्रकाशित की थी। उस रिपोर्ट के कारण अडानी को तत्काल एक ही झटके में 1.44 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा दिया। अडानी जिनकी गिनती दुनियां के सर्वोत्तम बिलेनियर्स में एक है। वह उस लिस्ट से ही लगभग गायब ही हो गए थे। वैसे तो इस कंपनी ने कई सारे आरोप लगाए थे मगर सबसे बड़ा आरोप यह था कि अडानी के जो शेयर्स है वह झूठे हैं। जब इस मामले ने रफ्तार पकड़ी तो लोगों में काफी निराशा का माहौल हो गया। सभी लोगों के मन में अडानी के प्रति एक संदेहजनक विचार उत्पन्न होने लगा था। यही नहीं इसी के साथ विपक्ष दल के सभी लोग बड़ी दृढ़ता के साथ खड़े होकर कहने लगे कि अडानी पूरी तरीके से गलत है और केंद्र सरकार के द्वारा अडानी का बचाव किया जा रहा है। यही नहीं न जाने कितनी खबरों में मोदी और अडानी का नाम एक साथ जोड़कर कई अफवाहें भी बनाई गई। आज अडानी फिर से एक बार सुर्खियों में है और यह ट्विटर पर पूरी तरीके से ट्रेंड कर रहा है। अदानी के जो शेयर गिरे थे हिडेनबर्ग रिपोर्ट के कारण आज वह वापस से उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट का एक निर्णय आया है जिस पर उन्होंने सेबी की जांच पर सवाल खड़े करने पर इंकार कर दिया है। अगर आसान शब्दों में कहें तो विपक्षी दलों द्वारा जी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की मांग की जा रही थी उसे रद्द कर दिया गया है। विपक्षी पार्टियों को सर्वोच्च न्यायालय से यहां उम्मीद थी कि वह इस मामले की जांच करने के लिए कोई पैनल गठित करेगा या फिर सेबी से रिपोर्ट मंगा कर उसके ऊपर कोई टीम इन्वेस्टिगेशन करने के लिए बनाई जाएगी। मगर यह मामला अब पूरी तरीके से खत्म कर दिया गया है।

क्या थे आरोप?

हिंडेनबर्ग कंपनी ने जब अडानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी करी तो उसमें पांच बड़े आप निकाल कर सामने आए जिसका उन्होंने दावा भी किया। उन्होंने पहले एग्जाम लगाया कि अदानी ग्रुप की कंपनियों ने उसके शेरों की कीमत को मैनिपुलेट कर के बढ़ाया है। यानी गलत तरीके से अपने शेयर्स के मूल्य में बढ़ोतरी की है। दूसरा मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग से जुड़े फ्रॉड किए हैं। 8 साल में इन्होंने इस दौरान 5 चीफ़ फाइनेंसियल ऑफिसर्स भी बदले हैं। तीसरा इनका इल्जाम यहां था कि अडानी ग्रुप की जो साथ कंपनियां है उनके शेरों की कीमत 85% तक ज्यादा बताई गई है। मतलब उनकी जो स्काई रॉकेट वैल्यूएशन वैल्यू है वह वास्तविकता से ज्यादा बताई जा रही है। चौथा यह था कि अडानी ग्रुप पर लगभग 2.20 लाख करोड़ का कर्ज है जो कि इस कंपनी की हैसियत से बहुत ज्यादा है। पांचवा एग्जाम या था कि मॉरीशस और दूसरे देश की कंपनियों में भी इन्होंने पैसे भेजे हैं और वह कंपनियां अडानी के शेयर खरीद कर शेयर मार्केट में उसकी वैल्यू को बढ़ा रही है। इस मामले को इतना उछला गया कि जब यह खबर जब मार्केट में निकाल कर आई, तो लोगों को यह लगने लगा कि उन्होंने गलत जगह अपने पैसे लगा दिए हैं और उन्होंने नसमझी में महंगा सौदा कर लिया है। इसके बाद लोगों ने अपने शेयर बेचे शुरू कर दिया। अदानी का शेर जो कभी ₹3000 का चल रहा था वह धड़ाम से आकर ₹1000 में से सिमट जाता है। असल में हिडेनबर्ग की छवि कुछ इस प्रकार बताई जाती है कि वह जिस भी कंपनी के लिए ऑडिट रिलीज कर देते हैं या जिस भी कंपनी के लिए कोई रिपोर्ट बना देते हैं तो वह बहुत ही मायने रखती हैं। और देश के सभी लोगों ने आंख बंद करके अमेरिका की इस कंपनी पर भरोसा कर लिया कि उसने जो रिपोर्ट बनाई होगी वह सही ही बनाई होगी। इस बीच में अपोजिशन पूरी तरीके से तैयार था। उन्होंने हर जगह इस बात को उछलना शुरू कर दिया कि "अडानी चोर है, जरूर इन्होंने कोई फ्रॉड किया है।"

हिंडेनबर्ग वर्सेज अडानी

अगर हिडेनबर्ग की यह रिपोर्ट सत्य साबित हो जाती तो अडानी का नुकसान होना तय था। फिर विपक्षी दल लगाई गई सभी बातें सही साबित हो जाती। इस बात की तरह तक पहुंचाने के लिए सेबी को बुलाया गया। सेबी (security and exchange board of India)ही है जो हर तरीके की शेयर मार्केट चहल पहल पर नजर रखती है। सेबी ही वह संस्थान है जिसने सहारा का फ्रॉड भी पड़ा था।

इस झूठी खबर को सही साबित करने के लिए कांग्रेस में 6 फरवरी को पूरे देश में प्रोटेस्ट करना भी शुरू कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को लेते हुए इस पर एक एक्सपर्ट कमेटी को बैठाती है। जो अडानी पर लगे हुए इन मामलों की जांच कर सकें। जो एक्सपर्ट कमेटी बढ़ाई गई थी उन्होंने अपनी रिपोर्ट को सबमिट करते हुए कहा है कि से भी अपने पथ को पूरा करते हुए इस मामले को सही दिशा में ले जाएं उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी को समय देते हुए कहा कि वह हिडेनबर्ग की रिपोर्ट पर सही एनालिसिस करते हुए रिपोर्ट सबमिट करें। सेबी ने 22 मामलों में अपनी जांच पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को जमा कर दी। उसके बाद भी सेबी ने कहा कि कुछ दो मामले रह गए हैं जिन पर अभी पूरी तरीके से जांच होना बाकी है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर को हिडन वर्ग वर्सेस अदानी मामले पर होने वाले अपने आदेश को रिजर्व करके रख लिया। 3 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया।

क्या फैसला सुनाया गया?

सुप्रीम कोर्ट ने से भी को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जो अडानी के ऊपर जांच की वह सही है। इसके लिए कोई भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने की आवश्यकता नहीं है।

क्योंकि विपक्षी डेली परियों का पूरा प्रयास था कि सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बताएगी और इस मामले की जांच करवाएगी जिसमे जजेस भी शामिल हो पूरी एक बेंच बैठाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपने ही देश के जांच एजेंटीयों पर प्रश्न कैसे खड़ा कर सकते हैं वह भी सिर्फ इसलिए कि जो रिपोर्ट आई है वह अमेरिका की कंपनी के द्वारा जारी की गई है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जी परडींवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया। कुल मिलाकर कोर्ट ने सारी बातों को खारिज करते हुए अडानी को इस मामले से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अब क्लीन चिट दे दी गई है।

अडानी को मिली राहत से शेयर बाजार को कितना मुनाफा हुआ हैं

अदानी को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने की वजह से बड़ी राहत मिली है और उनके शेर के दाम अब बढ़ने लगे हैं। शेयर में 12% तक की वृद्धि देखने को मिली है। साल 2023 का मामला था और आज हम साल 2024 में खड़े हैं पूरा 1 साल लग गया इस मामले को ठीक होने में। क्योंकि अमेरिका की एक प्रतिष्ठित रिसर्च एजेंसी ने अडानी के ऊपर यह इल्जाम लगाए कि उन्होंने गलत तरीके से शेयर्स के साथ छेड़खानी की है। खैर अडानी पर लगे सारे इल्जामों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किए हैं और यह देखते हुए। जिसका मार्केट पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ा और निफ्टी के भाव बढ़ गए। अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पावर्स, एनडीटीवी सभी के दाम वापस से प्लस में हो गए हैं। रिपोर्ट के 10 दिन बाद इन्हीं शेरों की कीमत 1017.10 थी परंतु अब अदानी को क्लीन चिट मिलने के बाद एक बार फिर से इन शेरों की कीमत 3200 रुपए तक पहुंच गई है।

Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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