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Hindenburg Report: अडानी ग्रुप पर अमेरिकी रिसर्च फर्म के आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला
Hindenburg Report: ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडानी समूह की कंपनियों पर दशकों से ‘स्टॉक हेराफेरी और एकाउंटिंग फ्रॉड स्कीम’ चलाने तथा "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने" का आरोप लगाया है।
Hindenburg Report: अमेरिका की एक इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म 'हिंडनबर्ग रिसर्च' ने अडानी समूह की कंपनियों पर दशकों से 'स्टॉक हेराफेरी और एकाउंटिंग फ्रॉड स्कीम' चलाने तथा "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने" का आरोप लगाया है। अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट का जोरदार खंडन किया है और इसे झूठा और बदनीयती से जारी किया बताया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि उसने 'अमेरिका में ट्रेड किये जाने वाले बॉन्ड और गैर भारतीय ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी समूह की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन ली है।' इत्तेफाक से ये रिपोर्ट ऐसे समय प्रकाशित की गयी जब अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का सार्वजनिक प्रस्ताव 27 जनवरी को खुलने जा रहा है।
रिपोर्ट प्रकाशित होने से शेयर पर पड़ा असर
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने से अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी असर पड़ा है और 25 जनवरी को ग्रुप कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 80 हजार करोड़ रुपये का सफाया हो गया। हिंडनबर्ग को फॉर्च्यून द्वारा "वॉल स्ट्रीट की सबसे अधिक भयभीत शॉर्ट-सेलिंग रिसर्च फर्मों में से एक" के रूप में वर्णित किया गया है। शोर्ट सेलर यह शर्त लगाकर मुनाफा कमाते हैं कि उनके द्वारा टारगेट की गयी कंपनियों के शेयर की कीमत गिर जाएगी। रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने कहा है कि उसने बॉन्ड और डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए अडानी कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन ली थी।
शेयरों में गिरावट
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में 8 फीसदी तक की गिरावट आई है और बेंचमार्क सेंसेक्स 1.27 फीसदी या 774 अंकों की गिरावट के साथ 60,205.06 पर बंद हुआ और एनएसई निफ्टी इंडेक्स 226 अंकों की गिरावट के साथ 17,891.95 पर बंद हुआ।
क्या है रिपोर्ट में
हिंडनबर्ग रिसर्च नाथन 'नेट' एंडरसन द्वारा स्थापित एक प्रमुख निवेश अनुसंधान फर्म है। ये अमेरिका में न्यूयॉर्क में स्थित है। यह अपनी महत्वपूर्ण शोध रिपोर्टों के लिए जाना जाता है और इससे पहले इसने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता 'निकोला कॉर्प' को निशाना बनाया था।
अडानी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग की शोध रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों में से पांच ने 1 से नीचे 'वर्तमान अनुपात' की सूचना दी है, जो कि निकट अवधि के तरलता दबाव का संकेत है।इस रिपोर्ट में अंबुजा सीमेंट और एसीसी के बारे में बात नहीं की गयी है जिसे पिछले साल अडानी समूह द्वारा अधिग्रहित किया गया था। रिपोर्ट में केवल अडानी ग्रुप की अन्य 7 सूचीबद्ध कंपनियों के बारे में बताया गया है।
विदेशों में स्थित कंपनियों का जाल
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह से जुड़ी अपतटीय यानी विदेशों में स्थित संस्थाओं के जटिल जाल की जांच करने का भी दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि - हमारे शोध, जिसमें संपूर्ण मॉरीशस कॉर्पोरेट रजिस्ट्री को डाउनलोड करना और सूचीबद्ध करना शामिल है, ने खुलासा किया है कि विनोद अडानी (समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के बड़े भाई), कई करीबी सहयोगियों के माध्यम से अपतटीय शेल संस्थाओं की एक विशाल भूलभुलैया का प्रबंधन करते हैं।' रिपोर्ट के अनुसार – 'हमने विनोद अडानी या करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित मॉरीशस स्थित 38 शेल संस्थाओं की पहचान की है। हमने उन संस्थाओं की पहचान की है जो साइप्रस, यूएई, सिंगापुर और कई कैरिबियाई द्वीपों में विनोद अडानी द्वारा गुप्त रूप से नियंत्रित हैं।'
कोई कर्मचारी नहीं
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि – 'विनोद अडानी से जुड़ी कई संस्थाओं के संचालन के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं, जिनमें कोई कर्मचारी होने के संकेत नहीं हैं, कोई स्वतंत्र पता या फोन नंबर नहीं है और कोई सार्थक ऑनलाइन उपस्थिति नहीं है। इसके बावजूद, उन्होंने भारत में अडानी की सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध और निजी संस्थाओं में सामूहिक रूप से अरबों डॉलर स्थानांतरित किए हैं। ये भी अक्सर सौदों की संबंधित पार्टी प्रकृति के आवश्यक प्रकटीकरण के बिना किया गया है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि - अडानी की सूचीबद्ध कंपनियों में स्टॉक हेरफेर के सबूतों पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सेबी ने अडानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक को पंप करने के आरोप में अडानी प्रमोटर्स सहित 70 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर वर्षों से जांच और मुकदमा चलाया है।'
हिंडनबर्ग की लगभग 100 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि शेल कंपनियां कई तरह के काम करती थीं जिनमें वित्तीय स्वास्थ्य और सॉल्वेंसी की उपस्थिति को बनाए रखने के लिए सूचीबद्ध कंपनियों की बैलेंस शीट पर स्टॉक पार्किंग / स्टॉक हेरफेर और अडानी की निजी कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई कार्य शामिल हैं।" हिंडनबर्ग ने कहा है कि इसकी रिपोर्ट दो वर्षों में संकलित की है और इसमें अडानी ग्रुप के पूर्व अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात करना, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करना और लगभग आधा दर्जन देशों में साईट विजिट करना शामिल था।"
रिपोर्ट को गलत बताया
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर रियेक्ट करते हुए अडानी समूह ने एक बयान में कहा कि – 'रिपोर्ट के प्रकाशन का समय स्पष्ट रूप से भारत में अब तक के सबसे बड़े एफपीओ (फालो ऑन पब्लिक ऑफर) अडानी एंटरप्राइजेज से आने वाले एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के मुख्य उद्देश्य के साथ अडानी समूह की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के एक खुले, दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है। वित्तीय विशेषज्ञों और प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट के आधार पर निवेशक समुदाय ने हमेशा अडानी समूह में विश्वास जताया है।'
अडानी समूह ने कहा है कि उसके निवेशक निहित स्वार्थों वाली एकतरफा, प्रेरित और निराधार खबरों से प्रभावित नहीं होते हैं। ये ग्रुप हमेशा सभी कानूनों के अनुपालन में रहा है और कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखता है।'
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च
हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी वेबसाइट पर कहता है कि कंपनी फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान में माहिर है। यह कहता है कि इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव विश्लेषण पर ऐतिहासिक ध्यान देने के साथ निवेश प्रबंधन उद्योग में इसका दशकों का अनुभव है। कंपनी का कहना है कि उसका मानना है कि "असामान्य स्रोतों से मुश्किल-से-खोजने वाली जानकारी को उजागर करने से सबसे प्रभावशाली शोध परिणाम", और यह विशेष रूप से "एकाउंटिंग अनियमितताओं" के लिए दिखता है।
कंपनी के पीछे कौन लोग हैं?
हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी की स्थापना 38 वर्षीय नाथन (नैट) एंडरसन ने की थी। उन्होंने अमेरिका के कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन का अध्ययन किया। वे पहले यरूशलेम इजरायल में रहते थे, जहां उन्होंने फैक्टसेट नामक एक वित्तीय सॉफ्टवेयर कंपनी के साथ परामर्श कार्य किया। हिंडनबर्ग कंपनी की वेबसाइट अपने "ट्रैक रिकॉर्ड" का वर्णन करती है। इसके अनुसार इसने कई कंपनियों की बड़ी अनियमितताओं का खुलासा किया है।
कंपनी को हिंडनबर्ग क्यों कहा जाता है?
यह नाम जर्मनी में 1937 की हिंडनबर्ग आपदा से आया है। इस हादसे में एक यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी जिसमें 35 लोग मारे गए थे। कंपनी की वेबसाइट कहती है : "हम हिंडनबर्ग को पूरी तरह से मानव निर्मित, पूरी तरह से टालने योग्य आपदा के प्रतीक के रूप में देखते हैं।