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Hindenburg-Adani Row: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सिर्फ धनी लोग ही निवेश नहीं करते, SEBI से मांगे सुझाव

Hindenburg-Adani Row: हिंडनबर्ग-अडानी समूह मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं।

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Written By aman
Published on: 10 Feb 2023 5:11 PM IST (Updated on: 10 Feb 2023 5:11 PM IST)
Hindenburg-Adani Row:
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Hindenburg-Adani Row: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) और अडानी समूह मामले में शुक्रवार (10 फरवरी) को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान भारतीय निवेशकों (Indian Investors) को हुए लाखों करोड़ के नुकसान पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यवस्था में सुधार के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से सुझाव मांगे हैं। अदालत ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने का भी संकेत दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।

आज हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील विशाल तिवारी ने कहा, 'मैं जांच कमेटी (Hindenburg-Adani Row Inquiry Committee) बनाने की मांग कर रहा हूं'। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने कहा, 'मैं अदालत में SEBI के लिए पेश हुआ हूं। कोर्ट जो सवाल करेगी, उसका जवाब दूंगा।; उनका ये कहने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI D.Y. Chandrachud) ने कहा कि, 'हमारी चिंता ये है कि हम भारतीय निवेशकों के हित कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?'

'भविष्य में ऐसी स्थिति से कैसे बचा जा सके?'

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा, 'तीन से चार मिनट में शॉर्ट सेल (short sale) के जरिए काफी ट्रेड हो जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो निवेशकों का लाखों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि, वो भी ऐसे कारण से जो भारत से बाहर का है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'हम कैसे सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके'। जिस पर सॉलिसिटर ने कहा, अभी तुरंत इस पर कुछ कहना सही नहीं होगा, लेकिन हम अदालत की चिंता से सहमत हैं।'

CJI- क्या हम एक विशेषज्ञ कमेटी बना सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, कि 'आप अगली सुनवाई पर कोर्ट को ये बताइए कि मौजूदा व्यवस्था क्या है? इसमें किस प्रकार सुधार हो सकता है? अदालत ने कहा, इस पर भी विचार करें कि क्या हम एक विशेषज्ञ कमेटी (Expert Committee) बना सकते हैं। इस कमिटी में जानकार और कोई पूर्व जज भी हो।'

'एमिकस क्यूरी की नियुक्ति भी कर सकते हैं'

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने ये भी कहा, कि 'सिर्फ धनी लोग ही निवेश नहीं करते। मध्यम वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में निवेश करते हैं। आप वित्त मंत्रालय (Finance Ministry), सेबी (SEBI) वगैरह से चर्चा कर हमें बताएं। कमेटी की बात हम तक पहुंचाने के लिए एमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) की नियुक्ति भी कर सकते हैं।'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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