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'सात फेरे लिए बिना आपकी शादी वैध नहीं', जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों ऐसा कहा?

हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत या किसी संस्था द्वारा प्रमाण पत्र लेने से विवाह को तब तक वैध नहीं माना जा सकता है, जब तक शादी समारोह और रीति रिवाजों का अनिवार्य रूप से पालन नहीं किया गया हो। यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 1 May 2024 1:05 AM IST
सात फेरे लिए बिना आपकी शादी वैध नहीं, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों ऐसा कहा?
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Hindu Marriage Act : हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत या किसी संस्था द्वारा प्रमाण पत्र लेने से विवाह को तब तक वैध नहीं माना जा सकता है, जब तक शादी समारोह और रीति रिवाजों का अनिवार्य रूप से पालन नहीं किया गया हो। यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिन्दू विवाह तभी वैध माना जाएगा, जब तक समारोह के तहत सात फेरे लेने जैसी प्रथा न निभाई गई हो।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत एक स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार शादी को वैध मानने से इनकार कर दिया और विवादित पक्षों के खिलाफ तलाक, भरण-पोषण और आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है। पीठ ने कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार वैध विवाह तभी माना जाएगा, जब वैवाहिक समारोह के साथ हिन्दू रीति रिवाजों के तहत सभी प्रथाएं पूरी की गईं हो। समारोह के बिना किसी संस्था के प्रमाणपत्र से न तो वैवाहिक स्थिति की पुष्टि होगी और न हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत विवाह स्थापित हो सकेगा।

रजिस्ट्रेशन से विवाह की पुष्टि नहीं

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-8 के प्रावधानों के तहत विवाह पंजीकरण अधिकारी तब तक रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते, जब तक हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार वैध विवाह न हुआ हो। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा-8 के तहत रजिस्ट्रेशन केवल इस बात की पुष्टि करता है कि पक्षकारों ने धारा-7 के तहत विवाह समारोह में भाग लिया है।

दंपत्ति ने सिर्फ कराया था शादी का रजिस्ट्रेशन

बता दें कि दम्पत्ति ने हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत सिर्फ अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया था, उन्होंने हिन्दू रीति-रिवाजों से शादी नहीं की थी। दम्पत्ति ने वैदिक जन कल्याण समिति के विवाह प्रमाण पत्र के आधार पर उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियम - 2017 के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर लिया था।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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