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इन राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने पर विचार, जानें कौन प्रदेश इस सूची में
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) की बनाई तीन सदस्यीय उप समिति हिंदुओं को सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में अल्पसंख्यक दर्जा देने पर विचार करेगी। इस विषय पर एनसीएम की बैठक में 14 जून को सभी पक्षों को सुना जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया, कि अपील में उठाए गए मुद्दे पर उप समिति फिलहाल विचार-विमर्श और अध्ययन कर रही है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, कि आयोग के अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने पर इस विषय पर गौर किया जाएगा।
हिंदुओं के लिए जिन राज्यों में अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग हुई है, वह हैं- जम्मू और कश्मीर, पंजाब, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश में लक्षद्वीप। देश की आखिरी जनगणना में इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में हिंदुओं की तादाद काफी कम पाई गई है।
जार्ज कुरियन समिति की अध्यक्ष
उल्लेखनीय है, कि पिछले साल यानी छह माह पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने पर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय उप समिति गठित की थी। इस उप समिति की अध्यक्षता एनसीएम के उपाध्यक्ष जार्ज कुरियन ने की। बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की थी।
रिपोर्ट अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय को सौंपेंगे
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सय्यद घायोरुल हसन रिजवी ने बताया, कि 'तब सर्वोच्च अदालत ने उपाध्याय को यह मामला अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक मंत्रालय के समक्ष उठाने को कहा था। रिजवी ने कहा, कि विचार-विमर्श की प्रक्रिया के तहत उप समिति याचिकाकर्ता उपाध्याय के पक्ष को सुनेगी। साथ ही मामले के अन्य पक्षों के भी विचार जानेगी। इस सुनवाई के बाद एक रिपोर्ट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और कानून मंत्रालय को सौंपी जाएगी।'
इन 6 समुदाय को मिला है अल्पसंख्यक का दर्जा
मौजूदा समय में देश में अल्पसंख्यक का दर्जा पाने वाले छह समुदाय हैं- मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, सिख, जैन और पारसी। जैन समुदाय को विगत जनवरी, 2014 में यानी सबसे आखिर में अल्पसंख्यक समुदाय का घोषित किया गया है।