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शहीद लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या में शामिल थे 6 आतंकी, तीन की हुई पहचान
पुलिस ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में शामिल छह में से तीन आतंकियों की पहचान कर ली है।तीनों हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय आतंकी हैं।
श्रीनगर: पुलिस ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में शामिल छह में से तीन आतंकियों की पहचान कर ली है। शक की सुई ग्यासुल इस्लाम ठोकर उर्फ फहद, इश्फाक अहमद ठोकर उर्फ अबरार और अब्बास अहमद बट पर घूम रही है। तीनों हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय आतंकी हैं। सूत्रों सूत्रों के मुताबिक, हत्या में लश्कर आतंकियों का भी हाथ है। बता दें कि दक्षिण कश्मीर के हरमेन (शोपियां) में आतंकियों ने मंगलवार रात लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को अगवा कर हत्या कर दी थी।
ग्यासुल इस्लाम अक्टूबर 2016 से और इश्फाक सितंबर 2015 से शोपियां में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है। तीनों वादी में बैंक डकैतियों की विभिन्न वारदातों में भी लिप्त रहे हैं। जांच अधिकारी ने बताया कि लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या में लश्कर और जैश की मिलीभगत से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि फैयाज की ममेरी बहन की शादी वाले घर पहले दो ही आतंकी दाखिल हुए और बाद में चार अन्य आतंकी वहां आए। छह आतंकियों में तीन हिज्ब व तीन अन्य लश्कर या जैश के विदेशी आतंकी हो सकते हैं।
इससे पहले इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी) कश्मीर एसजेएम जिलानी ने बताया कि हत्यारे आतंकियों के ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। अभी तक जुटाए गए सुराग लेफ्टिनेंट की हत्या में हिजबुल के स्थानीय आतंकियों की भागेदारी की तरफ संकेत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस जगह सैन्य अधिकारी का शव मिला है, वहां से इनसास राइफल के दो खाली कारतूस भी मिले हैं।
दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों से इनसास राइफल छीने जाने की बीते एक पखवाड़े में दो घटनाएं हुई हैं। एक कुलगाम जिले और दूसरी शोपियां में जिला अदालत परिसर में। इसलिए हमें लगता है कि शोपियां में हथियार लूटने वाले आतंकियों ने ही सैन्य अधिकारी को अगवा कर हत्या की है, लेकिन अभी जांच जारी है।
सैन्याधिकारी को यातनाएं दिए जाने को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें दिवंगत के शरीर पर ऐसे कोई निशान नहीं मिले हैं। टांग या घुटना भी नहीं टूटा था। आतंकियों ने सैन्य अधिकारी के सिर, जबड़े और पेट में गोली मारी थी। फिलहाल, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।