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Bihar Politics: शक्ति परीक्षण से पहले बिहार का सियासी माहौल गरमाया, खेला होने के बयान के बाद सभी दल अपने विधायकों को सहेजने में जुटे
Bihar Politics: शक्ति परीक्षण से पहले राजदा नेता तेजस्वी यादव की ओर से खेल होने का बयान दिए जाने के बाद विधायकों पर सभी दलों के नेता सतर्क निगाह रखे हुए हैं।
Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। विधानसभा में 12 फरवरी को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले सभी राजनीतिक दल अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हुए हैं। शक्ति परीक्षण से पहले राजदा नेता तेजस्वी यादव की ओर से खेल होने का बयान दिए जाने के बाद विधायकों पर सभी दलों के नेता सतर्क निगाह रखे हुए हैं।
दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि जो खेला होना था वह हो चुका है और अब किसी भी प्रकार के खेल की कोई गुंजाइश नहीं है। जदयू का कहना है कि उसके विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ने की कोशिश की जा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे के बाद पटना में कहा कि कोई कहीं नहीं जा रहा है और सरकार आसानी से बहुमत साबित करने में कामयाब होगी।
खेला होने के बयान के बाद सतर्कता
बिहार में नीतीश कुमार के राजद से नाता तोड़कर एनडीए से जुड़ने के बाद 28 जनवरी को नई सरकार का गठन हुआ था। अब नई सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना है। विश्वास मत को लेकर बिहार में सियासी पर उबाल आ चुका है। किसी भी दल के नेता विश्वासमत को लेकर खुलकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं। हालांकि सभी दलों की ओर से अपने विधायकों को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है।
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुलकर खेला होने की बात कहते रहे हैं। यही कारण है कि सभी दलों की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। विश्वासमत को लेकर कांग्रेस विशेष तौर पर सतर्क नजर आ रही है। बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और इनमें से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया है। कांग्रेस नेतृत्व ने तोड़फोड़ की आशंका को देखते हुए विधायकों को हैदराबाद भेजा है। इन सभी विधायकों की 11 फरवरी को हैदराबाद से वापसी होगी।
सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य के सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को दो दिन के लिए बोधगया बुलाया है। प्रशिक्षण शिविर के बहाने भाजपा अपने सभी विधायकों को 11 फरवरी तक बोधगया में ही रखेगी। इसे पार्टी विधायकों में एकजुटता बनाए रखने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
दूसरी ओर जदयू विधायकों के लिए आज मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर लंच रखा गया है। इस लंच के जरिए पार्टी विधायकों को एकजुटता का पाठ पढ़ाया जाएगा। राजद भी अपने विधायकों के साथ रणनीति बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। राजद के सभी विधायकों की आज तेजस्वी यादव के आवास पर बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के दौरान फ्लोर टेस्ट को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है। पार्टी की ओर से सभी विधायकों को 12 फरवरी को सदन में मौजूद रहने का व्हिप भी जारी किया गया है।
मांझी को मनाने का प्रयास
फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी को मनाने का प्रयास भी किया जा रहा है। मांझी नीतीश मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं जबकि नीतीश ने सिर्फ उनके बेटे संतोष सुमन को ही मंत्री बनाया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक मांझी को राज्यसभा भेजा जा सकता है। बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और इनमें से तीन सीटों पर एनडीए को जीत मिलनी तय माने जा रही है। इनमें से एक सीट जीतन राम मांझी को दी जा सकती है। विधानसभा में मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं।
बिहार विधानसभा का सत्र काफी हंगामैदार होने की उम्मीद है क्योंकि एनडीए की ओर से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। राजद से जुड़े चौधरी के रवैए को लेकर एनडीए में बेचैनी दिख रही है और इसलिए 12 फरवरी को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है और माना जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर भी सदन में भारी हंगामा होगा।