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तेज मानसून से पहले ऐक्शन में केंद्र सरकार, गृहमंत्री शाह ने बाढ़ से निपटने की तैयारी को लेकर की अहम बैठक
Amit Shah meeting: मानसून के उत्तर भारत में सक्रिय होने से पहले देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज एक बड़ी बैठक बुलाई। बैठक में बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने सहित तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
Amit Shah Meeting: उत्तर भारत में मानसून अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है। इससे पहले ही केंद्र की एनडीए सरकार ऐक्शन में आ गई है। आज बाढ़ से निपटने की तैयारी को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारियों के साथ राजधानी दिल्ली में समीक्षा बैठक की। हर साल मानसून की बारिश के कारण विभिन्न नदियों के जलस्तर में वृद्धि के चलते बिहार, असम और अन्य पूर्वी प्रदेशों के अलग-अलग क्षेत्र बाढ़ से ग्रसित हो जाते हैं। इसी को देखते हुए गृहमंत्री शाह ने संबंधित अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की है।
ये लोग बैठक में हुए शामिल
गृहमंत्री शाह की इस हाईलेवल मीटिंग में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जल संसाधन, नदी विकास और नदी संरक्षण, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण-वन और जलवायु परिवर्तन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए के सदस्य, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशक, सीडब्ल्यूसी, एनएचएआई के अध्यक्ष और संबंधित मंत्रालयों के अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर
गौरतलब है कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इसको लेकर कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति आज यानी रविवार को भी गंभीर बनी हुई है और 10 जिलों में 1.17 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। सीएम सरमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बाढ़ के पानी ने इन जिलों के 27 राजस्व सर्किलों में 968 गांवों को जलमग्न कर दिया है। उन्होंने आगे लिखा कि वर्तमान में 134 राहत शिविर और 94 राहत वितरण केंद्र चलाए जा रहे हैं। इन राहत शिविरों में कुल 17,661 लोग शरण लिए हुए हैं। सीएम सरमा ने यह भी लिखा कि कुशियारा नदी बराक घाटी के करीमगंज में खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, बीते दिन यानी शनिवार को बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ था।