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NMFT Conference: PM मोदी की चीन-पाक को खरी-खरी, कहा- जो देश आतंकवाद को मदद देंगे, वो अंजाम भुगतेंगे

Amit Shah in NMFT Conference: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कि 'आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उनका ये बयान भारत की सोच को दिखाता है।

aman
Written By aman
Published on: 18 Nov 2022 5:10 PM IST (Updated on: 18 Nov 2022 5:23 PM IST)
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कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी (Social Media)

PM Modi in NMFT Conference: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार (18 नवंबर) 'नो मनी फॉर टेरर' (No Money for Terror) विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में पड़ोसी राष्ट्र चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा, 'कुछ देश अपनी फॉरेन पॉलिसी के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वहीं कुछ अन्य देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की अप्रत्यक्ष रूप से कोशिश करते हैं।'

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को चेताया, बोले उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।' आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर 'नो मनी फॉर टेरर' ( NMFT Conference) पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में 70 से अधिक देशों और अतंरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही। पीएम मोदी ने ये भी कहा, आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करने वाले संगठनों तथा व्यक्तियों को भी अलग-थलग किए जाने की जरुरत है।'

'छद्म युद्ध भी खतरनाक'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा, 'ये सभी जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। उनमें एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है। कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते रहे हैं। वैसे देश राजनीतिक, वैचारिक तथा वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो इसका अर्थ शांति है। उन्होंने कहा, छद्म युद्ध (छुपा हुआ युद्ध) भी खतरनाक है।'

इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि 'आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अमित शाह ने ये बातें काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग (Counter-Terrorism Financing) पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कही। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'हमारा ये मानना है कि आतंकवाद के खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता। न ही इसे जोड़ा जाना चाहिए।' वर्तमान समय में जब दुनिया आतंकवाद से जूझ रही है और बार-बार उंगलियां एक धर्म विशेष पर उठती रही है, ऐसे में ये बयान भारत की सोच को दिखाता है।

'टेरर फंडिंग' आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक

तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस में आयोजित हुआ। आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर 'आतंक के लिए कोई धन नहीं' विषय पर तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को अमित शाह ने संबोधित किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, कि 'आतंकवाद का वित्तपोषण यानी 'टेरर फंडिंग' आतंकवाद से अधिक घातक है। आतंकवाद मानव समुदाय के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवाद से वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा है। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा, आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर ही है।' जब वो ऐसा कह रहे थे तो इसका साफ़ इशारा भारत के पड़ोसी मुल्क की तरफ था।

आतंकी 'डार्क नेट' का कर रहे इस्तेमाल

केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, 'आतंकवादी लगातार हिंसा को अंजाम देने में जुटे हैं। वित्त पोषण या 'टेरर फंडिंग' के जरिये युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की दिशा में काम किया जाता है। आतंकवादी वित्तीय संसाधन जुटाने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। साथ ही, अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए 'डार्क नेट' का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।'

शाह का पाकिस्तान पर परोक्ष वार

अमित शाह ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का भी नाम लिया। उन्होंने कहा, आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत ने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी प्रगति भी की है। उन्होंने वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति का भी जिक्र किया। शाह ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने बिना नाम लिए कहा, दुर्भाग्यवश कुछ ऐसे देश भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों को कमजोर करना चाहते हैं।

अलकायदा, ISIS का बढ़ता प्रभाव चुनौती

केंद्रीय गृह मंत्री आगे कहते हैं, 'आतंकवादी को संरक्षण देना Terrorism को बढ़ावा देने के बराबर ही है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्वों और देश के इरादों को सफल न होने दें। अमित शाह ने आगे कहा, अगस्त 2021 के बाद से दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिति में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। वर्तमान समय में सत्ता परिवर्तन, अलकायदा, ISIS का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण चुनौती है। मगर, टेरर फंडिंग इसे और गंभीर बना रहा है।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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