होम्योपैथिक, आयुष डॉक्टरों को एलोपैथी की प्रैक्टिस का अधिकार जल्द

Rishi
Published on: 6 Feb 2018 2:52 PM GMT
होम्योपैथिक, आयुष डॉक्टरों को एलोपैथी की प्रैक्टिस का अधिकार जल्द
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नई दिल्ली : नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के समर्थन में रैली के दूसरे दिन मंगलवार को कई लोकसभा सांसदों ने रामलीला मैदान पहुंचकर देश भर से आए करीब 11 हजार होम्योपैथिक डॉक्टरों का हौसला बढ़ाया। रामलीला मैदान पहुंचे लोकसभा सांसदों ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों और गांवों में रहने वाली गरीब जनता के हित में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के प्रावधान वाला एनएमसी विधेयक हर हाल में पारित कराया जाएगा क्योंकि यह समय की मांग है। देश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ब्रिज कोर्स का प्रावधान हर हाल में लागू किया जाएगा।

विधेयक में प्रस्तावित ब्रिज कोर्स करने के बाद होम्योपैथिक और आयुष डॉक्टरों को एलोपैथी की प्रैक्टिस का अधिकार मिल सकेगा।

रैली में आए होम्योपैथिक डॉक्टरों ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होती और एनएमसी बिल के तहत ब्रिज कोर्स करने के बाद होम्योपैथिक डॉक्टरों को एलौपैथी की प्रैक्टिस का मौका नहीं मिलता तो हम लोग अपने-अपने क्षेत्र के लोकसभा सांसदों के यहां धरना देंगे और आंदोलन करेंगे।

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होम्योपैथिक डॉक्टरों ने मांग की है कि एनएमसी विधेयक के तहत ब्रिज कोर्स करने का मौका सभी होम्योपैथिक डॉक्टरों को मिलना चाहिए। साथ ही देश में शुरू होने वाली 15 हजार पीएचसी और सबसेंटर्स में काम करने के लिए होम्योपैथिक डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। ऑल इंडिया होम्योपैथिक डॉक्टर्स फेडरेशन ने रामलीला मैदान में उपस्थित आयुष डॉक्टरों और ब्रिज कोर्स के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों का भी आभार जताया।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल दो जनवरी को संसद में पेश किया गया था। इस विधेयक में नीति आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी आयुष डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स की घोषणा की थी। इस विधेयक में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) में बदलाव का भी प्रावधान है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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