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Old Parliament Vs New Parliament: फोटो से समझिए कितनी अगल है पुरानी संसद से नए पार्लियामेंट, जानिए रोचक जानकारी

Old Parliament Va New Parliament: आइये आपको फोटो के माध्मय से रोचक जानकारी देते हैं कि नई संसद भवन पुरानी संसद भवन से कितनी अलग है और इसको बनाने में कितना रुपये खर्च हुआ है। देखिए नई और पुरानी संसद भवन की कुछ रोचक तस्वीरें...।

Viren Singh
Written By Viren Singh
Published on: 19 Sep 2023 9:22 AM GMT (Updated on: 19 Sep 2023 10:27 AM GMT)
Old Parliament Vs New Parliament
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Old Parliament Vs New Parliament (सोशल मीडिया) 

Old Parliament Vs New Parliament: संसद का विशेष सत्र चल रहा है। इस विशेष सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। गणेश चतुर्थी के मौके पर अब से संसदीय कामकाज पुरानी संसद भवन के पास बनी नई संसद भवन में होगा। अब से देश में जो भी केंद्र सरकार की ओर से नए विधेयक पेश व पारित किये जाएं, वह नई संसद भवन से होंगे। नई संसद भवन में जो पहला बिल पेश होगा, वह महिला आरक्षण बिल होगा। तो आइये आपको फोटो के माध्मय से रोचक जानकारी देते हैं कि नई संसद भवन पुरानी संसद भवन से कितनी अलग है और इसको बनाने में कितना रुपये खर्च हुआ है। देखिए नई और पुरानी संसद भवन की कुछ रोचक तस्वीरें...।

नई संसद भवन की फोटो से साथ रोचक जानकारी


गणेश चतुर्थी के मौके पर भारत को नया संसद भवन मिला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नई संसद भवन का शुभारंभ किया था।


देश की नई संसद भवन कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण हुआ है। यह एक त्रिकोण आकार की है। इस भवन की दिव्यता, भव्यता और सुंदरता देखने को लायक बनती है।


प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिसंबर 2020 में नई संसद की आधारशिला रखी थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने इसका तैयार किया है, जबकि बिल्डिंग का नक्शा आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है। पटेल कई प्रमुख इमारतों के नक्शा डिजाइन कर चुके हैं।


नई संसद में सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान बनाया गया है। वहीं, देश के लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने लिए एक संविधान हॉल भी यहां मौजूद है।


इस भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है. नए संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी है. परियोजना को पूरा करने की समय सीमा नवंबर, 2022 रखी गई थी लेकिन ये अब बनकर तैयार हुआ है।


नई संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 300 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अगर संयुक्त बैठक होती है तो एक साथ एक समय पर 1280 सांसद बैठ सकेंगे।नई संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में बनी हुई है। यह चार मंजिला त्रिकोणीय आकार की इमारत है। पुरानी संसद भवन से करीब 17,000 वर्ग मीटर बड़ी है।


नई संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में बनी हुई है। यह चार मंजिला त्रिकोणीय आकार की इमारत है। पुरानी संसद भवन से करीब 17,000 वर्ग मीटर बड़ी है।


नई संसद भवन भूकंप रहित तैयार किया गया है। टाटा प्रोजेक्ट ने पहली इसके निर्माण की अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये आंकी थी, लेकिन अत्याधुनिक सुविधा से लैस होने के चलते जनवरी 2022 में इसकी लागत 200 करोड़ रुपये और बढ़ गई। यह इमारत 1200 करोड़ रुपये में तैयार हुई है।


सुविधाओं के लिहाज से मॉर्डन ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम, सांसदों की टेबल पर टैबलेट लगा हुए हैं। नई संसद भवन में आज यानी 19 सितंबर 2023 संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त रूप से दोनों संसद लोकसभा और राज्य के सदस्यों को संबोधित किया।


सुरक्षा लिहाज यह भवन पुरानी भवन की तुलना में काफी हाईटेक है। यहां पर सुरक्षा के कई कई इंतजाम किए गए हैं। इसमें छह प्रवेश द्वार भी शामिल हैं। छह प्रवेश द्वारा में से तीन अश्व, गज और गरुड़ गेट औपचारिक द्वार हैं। इसका उपयोग उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री करेंगे। तीन अन्य द्वार मकर गेट, शार्दूल गेट और हंस गेट का इस्तेमाल सांसदों और पब्लिक के लिए किया जाएगा।

पुरानी संसद भवन की कुछ रोचक तस्वीरों के साथ जानकारी


पुरानी संसद भवन साल 1927 में बनाकर तैयार हुई थी। इसको ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। पुरानी संसद भवन को निर्माण करने में छह साल का समय लगा।


पहली यह भवन ब्रिटिश सरकार का विधान परिषद हुआ करती थी। भारत आजाद होने के बाद इसको संसद के रूप में उपयोग किया जाने लगा। भवन का निर्माण 100 साल पहले हुआ था। तब इसको बनाने में अंग्रेजों ने 83 लाख रुपये खर्च किये थे। पुराने भवन में लोकसभा में 545 सीटें और राज्य सभा में 250 सीटें थे।



पुराने संसद भवन गोलाकार आकार है। इसमें 64 गोल खंभे हैं। जो मध्यम प्रदेश के मुरैना में योगिनी मंदिर से प्रभावित हैं। इसको बनाने में करीब 25000 मूर्तिकार और राज्यमिस्त्री कार्यरत थे।


पुराने भवन का व्यास 560 फीट का है।यह छह एकड़ में फैला हुआ है। 27 फीट ऊंचे 144 खंभ इसकी आकार का प्रमुख केंद्र हैं। यहां पर भारतीय स्थापत्य शैली तत्व शामिल हैं।


पुरानी संसद परिसर पर तीन मुख्य भवन हैं। संसद भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (पुस्तकालय) और संसदीय सुधा (अनुबंध) है। साल 1956 में इस भवन में दो और फ्लोर तैयार किये गए। 2006 में संसद संग्रहालय भी बनाया गया है, जिसमें देश की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के 2500 सालों को दर्शाया गया है। संसद में प्रवेश के लिए 12 गेट बने हुए हैं।


पुरानी संसद भवन में लोकसभा अर्धवृत्ताकार है और इसमें हरे रंग का कालीन बिछा हुआ है। यहां पर 545 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। वहीं,राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। यहां दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल स्पीकर के दाईं ओर बैठता है और विपक्ष बाईं ओर बैठता है।


15 अगस्त 1947 को इस भवन में भारतीयों ने सत्ता संभाली। सत्ता संभालते इसी भवन से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात को अपना पहला भाषण देश के नाम संबोधित किया। इस भाषण को 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' दिया था। तब से लेकर इस भवन में भारत के निर्माण के लिए कई प्रकार के निणर्य लिए गए। इसमें मुख्य रूप से धारा 370 हटाना, जीएसटी, तीन तलाक जैसे कई प्रमुख कानून शामिल हैं।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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