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Parliament Session: पिछले साल कितने लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता? सरकार ने संसद में बताया
Parliament Session: भारत छोड़कर अन्य विकसीत देशों में बसने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत से पलायन और तेज होगा।
New Delhi: भारत छोड़कर अन्य विकसीत देशों में बसने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक कई ऐसे रिपोर्ट्स सामने आ चुके हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत से विकसीत देशों की तरफ पलायन (exodus from india) और तेज होगा। मंगलवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के जवाब ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय (Union Home Minister Nityanand Rai) ने बताया कि बीते तीन सालों में करीब चार लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता को त्याग दिया है।
राय ने बसपा के लोकसभा सांसद हाजी फजलुर रहमान के एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि साल 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की तादाद 3,92,643 थी। इसमें 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 लोगों ने भारतीय नागरिकता को छोड़ अन्य देशों की नागरिकता ले ली। उन्होंने बताया कि सभी लोगों ने व्यक्तिगत कारणों से देश की नागरिकता छोड़ी है।
विकसीत देश भारतीयों का पसंदीदा गंतव्य
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की पहली पसंद अमेरिका है। साल 2019 से 2021 के बीच 1,70,795 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी। साल 2021 में 78,284 भारतीयों को अमेरिका ने अपने यहां की नागरिकता दी। इसके बाद स्थान आता है आस्ट्रेलिया का, जिसने बीते तीन सालों में 58,391 भारतीयों को नागरिकता दी। तीसरे स्थान पर कनाडा है, जिसने 64,071 भारतीयों को नागरिकता दी। वहीं ब्रिटेन (35,435), जर्मनी (6,690), इटली (12,131) और न्यूजीलैंड ने 8,882 भारतीयों को अपने यहां की नागरिकता प्रदान की। पाकिस्तान ने भी 48 भारतीयों को नागरिकता दी है।
देश छोड़कर विदेश में बसने वाले लोगों में भारतीय सबसे आगे
जर्मन मीडिया संस्थान DW में छपे हेनली ग्लोबल सिटिजंस रिपोर्ट (Henley Global Citizens Report) के मुताबिक, भारत छोड़कर विदेशों में बसने की चाह रखने वालों की संख्या में तेज वृद्धि होती नजर आ रही है। अधिक से अधिक भारत के धनी लोग देश छोड़ने के इच्छुक हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि नागरिकता संबंधी नियमों के बारे में पूछताछ करने वालों में 2020 के मुकाबले 2021 में भारतीयों की संख्या में 54 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
वहीं ब्रिटेन की एक फर्म ने भी अपने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत के आठ हजार करोड़पति इस साल देश छोड़ने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पलायन की मुख्य वजह भारत का कठोर टैक्स सिस्टम है। अधिक से अधिक भारत के युवा दूसरे देशों में बिजनेस और निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं।