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निर्भया के आरोपियों को कैसे मिलेगी फांसी? तिहाड़ जेल में नहीं है कोई जल्लाद
तिहाड़ जेल में आखिरी बार अफजल गुरू को 43 साल की उम्र में 09 फरवरी 2013 को फांसी पर लटकाया गया था। अफजल गुरु को 2001 में हुए संसद हमले का दोषी पाया गया था। जिसके बाद उसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को जब फांसी दी गई थी, तब मेरठ से जल्लाद मंगवाया गया था।
नई दिल्ली: हैदराबाद में लेडी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद देश में उबाल देखने को मिल रहा है। वहीं निर्भया केस में दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा गैंगरेप के चारों दोषियों की दया याचिका खारिज करने के बाद तिहाड़ में बंद चारों कैदियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
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बता दें कि निर्भया के आरोपियों फांसी देने की मांग लगातार बढ़ गई है। लेकिन तिहाड़ जेल में कोई स्थाई जल्लाद नहीं है। ऐसे में लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर वो जल्लाद कौन होगा?, जो निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाएगा।
अफजल गुरू को हुई थी आखिरी फांसी
तिहाड़ जेल में आखिरी बार अफजल गुरू को 43 साल की उम्र में 09 फरवरी 2013 को फांसी पर लटकाया गया था। अफजल गुरु को 2001 में हुए संसद हमले का दोषी पाया गया था। जिसके बाद उसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को जब फांसी दी गई थी, तब मेरठ से जल्लाद मंगवाया गया था।
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लेकिन अफजल को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद का नाम आज तक गुप्त रखा गया है। इसके दो दशक पहले तिहाड़ जेल में ही साल 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाया गया था। उनके हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने वाले जल्लादों का नाम कालू और फकीरा था
पूरे देश की जनता अब उस पल के इन्तजार में है, जब निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। क्योंकि जितनी तेजी से हालात बदले हैं, इससे ऐसा लग रहा है कि कभी भी निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि तिहाड़ जेल प्रसाशन आखिर किन जल्लादों को निर्भया के आरोपियों की सजा के लिए चुनते हैं?