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स्मृति ने कहा- सेंट्रल यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स के निलंबन पर दखल नहीं

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Published on: 6 May 2016 4:32 PM GMT
स्मृति ने कहा- सेंट्रल यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स के निलंबन पर दखल नहीं
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नई दिल्ली : जेएनयू समेत कुछ अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के निलंबन के मुद्दे पर हस्तक्षेप से साफ तौर पर इंकार करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि ये एजुकेशनल इंस्टिट्यूट स्वायत्त संस्थाएं हैं इसलिए वह हस्तक्षेप कर नए विवादों को जन्म देना नहीं चाहतीं हैं।

प्रशासनिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं

-मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि वह संसद द्वारा पारित किए गए कानूनों से बंधी हुई हैं।

-वह यूनिवर्सिटीज द्वारा किए गए प्रशासनिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।

-इन मामलों में संबंधित यूनिवर्सिटी का प्रशासन ही निर्णय कर सकता है।

-उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि उनके हस्तक्षेप करने से नए विवादों का जन्म हो जाए।

कांग्रेस नेता ने स्मृति से जेएनयू मामले में मांगा था स्पष्टीकरण

-इससे पहले कांग्रेस के आनंद भास्कर रपोलू ने उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए यह जानना चाहा कि क्या कुछ केंद्रीय यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले दिनों कुछ स्टूडेंट्स को निष्कासित करने के मामले में वह हस्तक्षेप करेंगी और प्रभावित छात्रों को राहत दिलवाएंगी।

-बता दें, कि जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) यूनिवर्सिटी ने पिछले दिनों रिसर्च स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य को निष्कासित कर दिया था।

-साथ ही कन्हैया कुमार पर 10,000 रूपए का जुर्माना किया था।

-यह कार्रवाई उस विवादास्पद कार्यक्रम में इन स्टूडेंट्स की कथित संलिप्तता को लेकर की गई थी जिसमें संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित किया गया था।

चाइल्ड ट्रैकिंग मैकेनिज्म शुरू करने की तैयारी

-केंद्र द्वारा स्कूली पाठ्यक्रमों में हस्तक्षेप के आरोपों से इंकार करते हुए स्मृति ने कहा कि यह राज्य का विषय है

-राज्य ही स्कूली पाठ्यक्रम तय करते हैं।

-हमारी भूमिका महज सुविधा प्रदाता की है।

-स्मृति ने कहा कि सरकार देश के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों की निगरानी की प्रणाली (चाइल्ड ट्रैकिंग मैकेनिज्म) शुरू करने पर काम कर रही है।

-उन्होंने कहा कि इसे आधार संख्या से जोड़ा जाएगा।

-स्मृति ने कहा कि इसमें न केवल बच्चों को बल्कि टीचर्स को भी शामिल किया जाएगा।

-इससे बच्चों के शिक्षा प्रदर्शन पर नजर रखी जा सकेगी।

-साथ ही शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले बच्चों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।

-उन्होंने कहा कि 15 राज्यों में इस योजना पर काम चल रहा है।

टीचर्स के खाली पदों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर

-स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी के मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि टीचर्स की भर्ती और उनके ट्रांसफर का काम राज्य करते हैं।

-उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने केंद्र से टीचर्स के अतिरिक्त पदों को सृजित करने के लिए आर्थिक सहायता मांगी है।

-केंद्र ने राज्यों से कहा है कि पहले वे अपने यहां खाली पदों को भरें।

-स्मृति ने कहा कि केंद्र सरकार टीचर्स के खाली पड़े पदों को लेकर कितनी गंभीरता से काम कर रही है।

-इस बात का पता इस तथ्य से चलता है कि 2012-13 में टीचर्स के खाली पड़े 40,000 पदों को भरा गया।

-जबकि 2014-15 एवं 2015-16 में ऐसे एक लाख पदों को भरा गया।

-स्मृति ने कहा कि टीचर्स के प्रशिक्षण के लिए अलग से कैडर बनाए जाने के मामले में 15 से 18 राज्यों ने रूचि दिखाई है।

संस्कृत विषय को लेकर क्या बोलीं स्मृति ईरानी ?

-एजुकेशनल इंस्टिट्यूटस में केंद्र द्वारा संस्कृत थोपे जाने के कुछ आरोपों पर स्मृति ने कहा कि सरकार ने एक आईआईटी परिपत्र जारी किया था।

-इसमें कहा गया था कि संस्कृत भाषा में उपलब्ध ज्ञान और विज्ञान की प्राचीन जानकारी को भी इच्छुक स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराया जाएगा।

-स्मृति ने कहा कि ऐसा लगता है मानो यह संस्कृत फोबिया है।

-उन्होंने कहा कि भारत सरकार या एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया है।

बच्चों को आधुनिक वैज्ञानिकों के बारे में बताएं

-स्मृति ने कारनेल यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च स्टूडेंट का उल्लेख किया।

-उन्होंने कहा कि उसने विश्व के सबसे प्राचीन ज्यामितीय सूत्र ‘सुलभा सूत्र’ पर अपना शोध पत्र तैयार किया है।

-उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को यदि साइंसऔर मैथ्स के आधुनिक वैज्ञानिकों के बारे में बताया जाता है तो उन्हें प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी देने में क्या दिक्कत हो सकती है।

केंद्र सरकार शुरू करेगी भारतवाणी कार्यक्रम

-स्मृति ने साल 2000 से 2009 तक पीएचडी करने वाले लोगों पर प्राध्यापक बनने के लिए नेट की परीक्षा अनिवार्य रूप से उत्तीर्ण करने की शर्त को हटाने के मोदी सरकार के फैसले को उचित बताया है।

-उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती फैसला यूपीए सरकार द्वारा किया गया था जिसका कोई संवैधानिक आधार नहीं था।

-स्मृति ने बताया कि स्टूडेंट्स को उनकी भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाए।

-इसके लिए केंद्र सरकार भारतवाणी कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।

-इसमें 22 भारतीय भाषाओं में इस साल पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे।

-अगले साल से 100 भारतीय भाषाओं में इसे उपलब्ध कराया जाएगा।

इस साल शुरू होगा 'स्वयं' कार्यक्रम

-स्मृति ईरानी ने कहा कि इसी प्रकार 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12 वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए इस साल शैक्षिक सत्र से ‘स्वयं’ नामक कार्यक्रम शुरू होगा।

-जिसमें नि:शुल्क पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा।

-यह कार्यक्रम मोबाइल ऐप पर आधारित होगा।

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