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Loksabha Elections: 538 सीटों पर डाले व गिने गए मतों में बड़ा अंतर, 326 सीटों पर कम गिने वोट, ADR का खुलासा
Loksabha Elections 2024: एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने कहा कि 'लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावों में देखे गए कई उल्लंघनों, अवैधताओं और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं को निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव 2024 में दोहराये जाने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहा है।
Loksabha Elections 2024: हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश के चुनाव विश्लेष करने वाले संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एडीआर का दावा है कि 538 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में बड़ा अंतर है। 362 संसदीय क्षेत्रों में पड़े कुल वोटों से 5,54,598 वोट कम गिने गए, जबकि 176 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कुल वोटों में 35,093 वोट अधिक गिने गए। हालांकि, एडीआर की ओर से यह नहीं जानकारी दी गई है कि कि वोटों के इस अंतर से कितनी सीटों पर अलग नतीजे आए।
चुनाव आयोग उचित कदम उठाने में रहा विफल
एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि 'लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावों में देखे गए कई उल्लंघनों, अवैधताओं और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं को निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव 2024 में दोहराये जाने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहा है। इन आशंकाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनके समाधान के प्रयास होने चाहिए।
फाइनल पोलिंग डेटा रिलीज में देरी
उन्होंने आगे कहा कि 'फाइनल पोलिंग डेटा रिलीज करने में अत्यधिक देरी, अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग के आंकड़े उपलब्ध नहीं होना और क्या चुनाव परिणाम अंतिम मिलान किए गए डेटा के आधार पर घोषित किए गए थे। इसकी अस्पष्टता चुनाव परिणामों की प्रमाणिकता के बारे में चिंता और संदेह पैदा करते हैं।
आयोग उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा
एडीआर का ने कहा कि चुनाव आयोग अब तक इस बारे में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है कि उसने वोटों की गिनती पर अंतिम और प्रामाणिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित क्यों किए। रिपोर्ट के मुताबिक, आम चुनाव 2024 के नतीजों की घोषणा करते समय डाले गए और गिने गए वोटों में अमरेली, अटिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली और दमन दीव को छोड़कर 538 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विसंगतियां दिखाई दीं। सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था, भाजपा यहां से निर्विरोध जीत थी। उसके बाद इस बार 538 संसदीय सीटों पर डाले गए और गिने गए मतों में 589691 का अंतर है।
2019 में पड़े और गिने गए वोटों में भी था अंतर
एडीआर की टीम पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में पडे और गिने गए वोटों में अंतर पाया गया था। 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर किए गए रिसर्च के अनुसार, '542 निर्वाचन क्षेत्रों के विश्लेषण में 347 सीटों पर विसंगतियां दिखाई दी थीं. 195 सीटों पर कोई भी विसंगति नहीं थी। तब कुल मिलाकर डाले गए और गिने गए वोटों में 739104 का अंतर था
इस बार 65.79 फीसदी मतदान
बता दें कि चुनाव आयोग ने 7 जून को लोकसभा चुनाव 2024 में कुल वोटिंग का आंकड़ा जारी किया था। इस बार कुल मिलाकर 65.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह 2019 चुनाव के मुकाबले 1.61 प्रतिशत कम है। पिछली बार कुल आंकड़ा 67.40 प्रतिशत था।