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Human Rights Watch Report: ह्यूमन राइट्स वॉच ने भारत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Human Rights Watch Report: रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध का जिक्र किया गया है। इसके अलावा 740 पन्नों की रिपोर्ट में बीबीसी के दफ्तर में पड़े छापे, नूंह हिंसा की भी चर्चा की गई है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 12 Jan 2024 8:09 AM GMT
PM Modi
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PM Modi  (photo: social media )

Human Rights Watch Report: मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने 'वर्ल्ड रिपोर्ट 2024' में भारत सरकार पर कई गम्भीर आरोप लगाए हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच मानवाधिकार को लेकर दुनिया के करीब 100 देशों पर अपनी सालाना रिपोर्ट प्रकाशित करता है।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने लिखा है कि लोकतंत्र वाले देश में अधिकारों के सम्मान को लेकर भारत सरकार का रवैया कमजोर रहा है। रिपोर्ट में लिखा है कि भारत में पिछले साल (2023) में मानवाधिकारों को दबाया गया है और लोगों के साथ उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध का जिक्र किया गया है। इसके अलावा 740 पन्नों की रिपोर्ट में बीबीसी के दफ्तर में पड़े छापे, नूंह हिंसा की भी चर्चा की गई है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार को भाजपा की सरकार के बजाय हिंदूवादी सरकार लिखा है।

संगठन ने कहा है कि अधिकारों का सम्मान करने वाले लोकतंत्र के रूप में वैश्विक नेतृत्व की भारत सरकार की दावेदारी इससे कमज़ोर हुई है।

क्या है रिपोर्ट में

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने बीते साल सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और सरकार के आलोचकों को गिरफ़्तार किया तथा इन लोगों पर आतंकवाद समेत राजनीति से प्रेरित आपराधिक आरोप लगाए गए। रिपोर्ट के अनुसार, "छापे मारकर, कथित वित्तीय अनियमितता के आरोप और ग़ैर-सरकारी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद के लिए बने फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन क़ानून का इस्तेमाल कर पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आलोचकों को परेशान किया गया।

वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 में कहा गया कि भारत की मोदी सरकार मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है, इसके अलावा सरकार मुसलमानों को सुरक्षा देने में नाकामयाब रही है। हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अतीत में भारत सरकार ने रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है।

संगठन की एशिया उप निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा है कि, "भाजपा सरकार की भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी नीतियों के कारण अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा बढ़ी है। इससे डर का माहौल बना है, सरकार की आलोचना करने वालों में डर पैदा हुआ है।"

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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