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मशीन की बनी ये महिला जो करेगी अंतरिक्ष की सैर, जुटाएगी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इस साल के अंत में होने वाले पहले मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम (गगनयान) की शुरुआत को घ्यान में रखते हुए भारतीय अंतरिक्ष के अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक रोबोट (ह्यूमनॉइड मॉडल जो मानव की तरह दीखता है) का अविष्कार किया है।
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो, चन्द्रयान-2 के बाद इस समय एक नए मिशन के काम पर लग गया है आपको बता देब कि 'इसरो' में एकसाथ करीब 5 से 6 प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है इनमें सबसे महत्वपूर्ण "गगनयान" यानी भारत का वह गौरवशाली मिशन जिसमें तीन भारतीयों को अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा जाएगा। लेकिन इससे पहले अंतरिक्ष में एक ऐसे ह्यूमनॉइड मॉडल को भेजा जाएगा जो अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सके।
गगनयान से पहले अंतरिक्ष में जाएगा रोबोट-
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इस साल के अंत में होने वाले पहले मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम (गगनयान) की शुरुआत को घ्यान में रखते हुए भारतीय अंतरिक्ष के अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक रोबोट (ह्यूमनॉइड मॉडल जो मानव की तरह दीखता है) का अविष्कार किया है। जो 'गगनयान' से पहले अंतरिक्ष में भेजा जाएगा इस मानव रोबोट का नाम 'व्योममित्र' दिया गया है।
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गगनयान मिशन में महिला रोबोट भी
आपको बता दें कि 2022 में होने वाले 'गगनयान' मिशन से पहले रोबोट ह्यूमनॉइड मॉडल को रवाना किया जाएगा गगनयान मिशन में किसी भी महिला को नहीं भेजा जा रहा है। इसलिए अंतरिक्ष में इस रोबोट को एक महिला के रूप भेजा जा रहा है। 'इसरो' के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और हमें वापस रिपोर्ट भेजेगा। फिलहाल, हम इसे एक प्रयोग के रूप में कर रहे हैं।
रोबोट का नाम रखा 'व्योममित्र'
अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रोबोट को व्योममित्र नाम दिया गया है। यह रोबोट कई सारे कार्यों को करने में सक्षम हैं, साथ ही दो भाषाएं भी बोलती है। इसरो प्रमुख के सिवन ने पिछले साल कहा था कि यह रोबोट पूरी तरह तैयार है। उन्होंने ये भी कहा था कि, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह मिशन मनुष्यों को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करने से परे कई उद्देश्यों को पूरा करें।
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इसरो ने बोला, रोबोट की हरकतें होगी मानव की हुबहू
इसरो प्रमुख ने कहा था कि वास्तिवक रूप से भेजे जाने वाले गगनयान मिशन से पहले होने वाले दो मानव रहित उड़ानों में इस रोबोट को भेजेगा। उन्होंने कहा था कि हमारा रोबोट एक मानव की तरह होगा जो एक मानव की तरह लगभग सभी कार्य करने में सक्षम होगा, हालांकि यह कार्यों को इंसानों की तरह बड़े पैमाने पर नहीं कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा था कि हम यह बताना चाहते हैं कि पहली उड़ान भी खाली नहीं जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हम इस अवसर का अधिकतम उपयोग करें। हमारे पास अपना खुद का रोबोट (ह्यूमनॉइड मॉडल) है जिसका उपयोग किया जाएगा।
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क्रू एस्केप मॉड्यूल के तहत एयर-ड्रॉप परीक्षण होगा
सिवन ने एक जनवरी 2020 को कहा था कि इसरो ने अपने सिस्टम की मानव रेटिंग के साथ प्रगति की है। जिसमें प्रोपल्शन सिस्टम और क्रू एस्केप मॉड्यूल सहित अन्य चीजें शामिल हैं। सिवन ने कहा कि इस वर्ष के लिए योजनाबद्ध मानवरहित उड़ान से पहले कई प्रणालियों का परीक्षण करने की आवश्यकता होगी। इन परीक्षणों में क्रू एस्केप मॉड्यूल के तहत एयर-ड्रॉप परीक्षण होगा और साथ ही हम चालक दल के प्रशिक्षण को भी शुरू करेंगे।