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Lord Hanuman: हनुमानजी की सैकड़ों साल पुरानी मूर्ति भारत को वापस मिली
Lord Hanuman: यह मूर्ति तमिलनाडु के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लुर क्षेत्र में चोल काल के 14वीं -15वीं शताब्दी के विष्णु मंदिर, श्री वरथराजा पेरुमल से चोरी हो गई थी। वरदराजा पेरुमल, श्रीदेवी और भूदेवी की मूर्तियों के साथ हनुमान की मूर्ति 2012 में मंदिर के दरवाजे तोड़कर चोरी हो गई थी।
Lord Hanuman: तमिलनाडु के एक मंदिर से चुराई गई भगवान हनुमान की 500 साल पुरानी मूर्ति भारत को वापस मिल गई है। यह मूर्ति तमिलनाडु के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लुर क्षेत्र में चोल काल के 14वीं -15वीं शताब्दी के विष्णु मंदिर, श्री वरथराजा पेरुमल से चोरी हो गई थी। वरदराजा पेरुमल, श्रीदेवी और भूदेवी की मूर्तियों के साथ हनुमान की मूर्ति 2012 में मंदिर के दरवाजे तोड़कर चोरी हो गई थी। सेंदुरई पुलिस ने मामला दर्ज किया था लेकिन कोई प्रगति नहीं होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था। मामला 2020 में ये मामला आइडल विंग सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था। पुलिस के अनुसार, हमने अमेरिका के एक संग्रहालय में मूर्ति का पता लगाया और बाद में पाया कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक कला संग्राहक ने इसे खरीदा था। अधिकारियों द्वारा संपर्क किए जाने पर उन्होंने मूर्ति को सौंपने की इच्छा व्यक्त की। मूर्ति को कैनबरा में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया गया, जिसने इसे नई दिल्ली में एएसआई को भेज दिया पुलिस ने कहा कि अन्य तीन मूर्तियों का पता लगाया जाना बाकी है।
क्या था मामला
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, 9 अप्रैल, 2012 को अरियालुर जिले के वेल्लुर गांव में वरदराजा पेरुमल मंदिर केके दरवाजे तोड़ कर वरदराजा पेरुमल, श्रीदेवी और बूदेवी की मूर्ति के साथ इस मूर्ति की चोरी की गई थी। मार्च 2014 में, ऑस्ट्रेलिया में एक खरीदार को इस मूर्ति की नीलामी की गई। खोज और परिणामी जांच के बाद, यह वही मूर्ति पाई गई जो भारत से चुराई गई थी। इसकी खोज और जांच पड़ताल में तमिलनाडु आइडल विंग को अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा सहायता प्रदान की गई थी। न्यूयॉर्क स्थित नीलामी घर, जिसने मूर्ति की नीलामी की थी।
ऑस्ट्रेलियाई खरीदार कथित तौर पर अनजान थे कि ये मूर्ति चोरी की थी। बहरहाल, इस मूर्ति को फरवरी के अंतिम सप्ताह में भारत वापस कर दिया गया था और 18 अप्रैल को केस संपत्ति के रूप में तमिलनाडु आइडल विंग को सौंप दिया गया था। संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि अब तक विभिन्न देशों से 251 पुरावशेष प्राप्त किए गए हैं। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "हम अपनी बेशकीमती विरासत को घर वापस लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"
300 मूर्तियां बरामद
तमिलनाडु पुलिस विभाग की विशेष इकाई आइडल विंग लूटी गई कलाकृतियों को बरामद करने का काम करती है। आइडल विंग ने 55 मूर्तियों को बरामद किया है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे पूरे भारत के मंदिरों से लूटी गई थीं। माना जाता है कि 300 साल पुरानी पवित्र मूर्तियां 9वीं या 10वीं शताब्दी की हैं। अधिकारियों द्वारा उन्हें चेन्नई शहर में कलेक्टर शोभा दुरैराजन के एक घर में खोजा गया था, जो पहले से ही कई अन्य प्राचीन वस्तुओं का स्रोत रहा है। पिछले साल के अंत में, आइडल विंग ने दुरैराजन के घर पर सात लापता मूर्तियों को बरामद किया था। दुरैराजन ने 2008 और 2015 के बीच अपनी अपर्णा आर्ट गैलरी के माध्यम से दिवंगत आरोपी तस्कर दीनदयालन से उनकी सभी मूर्तियों को प्राप्त करने का दावा किया।
हालांकि वह केवल चार मामलों में प्राप्तियों के साथ यह साबित करने में सक्षम थी। डीलर ने 1958 में अपनी गैलरी स्थापित की थी। लगभग 60 साल बाद, 2016 में, आइडल विंग ने उसके कब्जे से 830 से अधिक कीमती वस्तुओं को जब्त कर लिया और उसके कबूलनामे के चलते अधिकारियों को 254 मूर्तियों का पता लगाने में मदद मिली। दुरैराजन फिलहाल अमेरिका में है और उसके सितंबर में चेन्नई लौटने की योजना है। आइडल विंग की स्थापना के बाद से अब तक 1,541 कांस्य और पत्थर की प्राचीन मूर्तियां बरामद की जा चुकी हैं। उन्हें 19 नामित आइकॉन सेंटरों पर रखा जा रहा है।