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मोक्ष के भवन में लगा ताला, 100 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा इस कोरोना काल में

काशी के बाहर रहने वाले लोग इस जगह पर आकर अपने अंतिम दिनों को बिताते हैं और यहां पर मोक्ष को प्राप्त करते हैं। आपको बता दें कि काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा गया है। इस जगह पर देश -दुनिया के लोग यहां आकर अपने प्राण को त्यागना चाहते हैं।

Shraddha Khare
Published on: 29 Jan 2021 1:23 PM IST
मोक्ष के भवन में लगा ताला, 100 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा इस कोरोना काल में
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मोक्ष के भवन में लगा ताला, 100 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा इस कोरोना काल में photos (social media)

वाराणसी : बनारस एक ऐसा शहर है जहां लोग अपनी अंतिम दिनों में आना पसंद करते हैं। इस शहर में दुनिया भर के कई सैकड़ों लोग सालों से मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं। लेकिन कोरोना काल की वजह से इस मोक्ष प्राप्ति के स्थान पर अभी अभी रोक लगी हुई है। वाराणसी में एक पोखरा क्षेत्र है जहां लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं इस जगह को लोग मौत का ठिकाना भी कहते हैं। 100 साल पहले इस मोक्ष भवन को यहां बनाया गया था।

मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं

काशी के बाहर रहने वाले लोग इस जगह पर आकर अपने अंतिम दिनों को बिताते हैं और यहां पर मोक्ष को प्राप्त करते हैं। आपको बता दें कि काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा गया है। इस जगह पर देश -दुनिया के लोग यहां आकर अपने प्राण को त्यागना चाहते हैं। अब तक इस मोक्ष भवन में 14000 लोगों अपने प्राण को त्यागा है। लेकिन कोरोना काल से इस मोक्ष भवन में ताला लग चूका है। इस भवन में 10 महीने से कोई मृत्यु नहीं हुई है।

इस भवन का 20 रुपये है शुल्क

काशी के इस भवन में परिवार वाले वृद्ध या बीमार लोगों को उनके अंतिम दिनों में यहां लेकर आते हैं। ताकि बुजुर्ग और बीमार लोग यहां पर मोक्ष की प्राप्ति कर सके। आपको बता दें कि काशी के इस भवन का किराया मात्र 20 रुपये है यह शुल्क आज तक यही है। यह भवन 100 सालों से चलता आ रहा है। लेकिन इस कोरोना काल की वजह से 100 सालों के रिकॉर्ड पर रुकावट आ चुकी है।

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कोरोना की वजह से ताला डला हुआ

काशी का सबसे पुराना मोक्ष भवन है जहां लोग अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों को बिताने आते हैं। आपको बता दें कि कशी का यह मोक्ष भवन 1906 में बनाया गया था। 100 सालों से बना यह भवन जहां हर दिन कोई न कोई मोक्ष प्राप्ति के लिए आते रहते थे लेकिन कोरोना की वजह से ताला पड़ा हुआ है। इस भवन के ट्रस्टीय सब कुछ पहले की तरह सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।

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