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Hyderabad Encounter: फर्जी था हैदराबाद एनकाउंटर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमिटी की रिपोर्ट में खुलासा
Hyderabad Encounter: शीर्ष अदालत को सौंपे रिपोर्ट में आयोग ने कहा कि हमारी राय में आरोपियों को जानबूझकर गोली मारी गई।
Hyderabad Encounter: साल 2019 में हैदराबाद में हुए चर्चित एनकाउंटर (Hyderabad Encounter) मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित आयोग ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है और इसमें शामिल कुछ पुलिसकर्मियों को दोषी भी ठहराया है। शीर्ष अदालत को सौंपे रिपोर्ट में आयोग ने कहा कि हमारी राय में आरोपियों को जानबूझकर गोली मारी गई, ताकि उनकी मौत हो जाए। इसलिए एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को पब्लिक करने का आदेश दिया है। साथ ही तेलंगाना सरकार को मामले में कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है।
साल 2019 में हैदराबाद में रेप के आरोपियों के एनकाउंटर किए जाने को लेकर खासा बवाल हुआ था। एक बड़ा तबका जहां पुलिस के इस त्वरित न्याय का समर्थन कर रहा था, वहीं कई बुद्धिजीवी पर सवाल खड़े कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए इस की जांच के लिए एक कमिशन का गठन किया।
शीर्ष अदालत ने पूर्व जज जस्टिस सिरपुरकर आयोग को 6 महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। मगर कोरोना महामारी के कारण काम में देरी हुई और आयोग ने अगस्त 2020 के तय समय के बजाय इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। आज यानि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस रिपोर्ट को खोला और एनकाउंटर के हकीकत को देश के सामने लाया।
क्या था मामला
दरअसल 26 नवंबर 2019 की रात हैदराबाद में 27 साल की एक वेटनरी डॉक्टर की रेप के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य कांड को लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा था। तेलंगाना के साथ – साथ देशभर में लोगों ने इसके आरोपियों को तुरंत सजा देने की मांग की थी। तेलंगाना पुलिस और राज्य सरकार पर इसे लेकर काफी दवाब था। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने चार लोगों को अरेस्ट किया था। 6 दिसंबर को तड़के तीन बजे के करीब पुलिस ने चारों आरोपियों को संदिग्ध एनकाउंटर में मार गिराया था।
पुलिस का कहना था कि जब आरोपियों को क्राइम सीन पर ले जाया गया था, तब उन्होंने भागने की कोशिश की, इसके बाद पुलिस ने चारों को मुठभेड़ में मार गिराया। इस मुठभेड़ के बाद हैदराबाद पुलिस ने खूब वाहवाही लूटी थी। मगर पुलिस की इस कार्रवाई को सोची – समझी हत्या बताया जा रहा थी। एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई लोगों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीष जस्टिस सिरपुरकर के नेतृत्व में एक जांच कमिटी गठित कर दी।