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Hyderabad Real Estate: हैदराबाद का रियल एस्टेट एनआरआई की पहली पसंद, हो रहा जबर्दस्त निवेश

Hyderabad Real Estate: डॉलर के मुकाबले रुपये (rupee against dollar) की कमजोरी और रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल के चलते एनआरआई समुदाय हैदराबाद में भारी मात्रा में निवेश कर रहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Nov 2022 12:37 PM IST
Hyderabads real estate is the first choice of NRIs, getting tremendous investment
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 हैदराबाद का रियल एस्टेट: Photo- Social Media

Hyderabad Real Estate: डॉलर के मुकाबले रुपये (rupee against dollar) की कमजोरी और रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल के चलते एनआरआई समुदाय हैदराबाद में भारी मात्रा में निवेश कर रहा है। हैदराबाद शहर देश भर में आवास निवेश (housing investment) के लिए शीर्ष स्थान बन गया है। सीआईआई-अनरॉक कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे के अनुसार, हैदराबाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और बेंगलुरु, आवास निवेश के लिए एनआरआई की शीर्ष पसंदीदा जगहें हैं। दिलचस्प बात यह है कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) एनआरआई की इच्छा सूची में चौथे स्थान पर है। सर्वे में एनआरआई उत्तरदाताओं में से कम से कम 60 प्रतिशत ने कहा कि वे इन तीन शहरों में से एक में घर खरीदेंगे, 22 प्रतिशत ने हैदराबाद पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही, 20 फीसदी ने एनसीआर और 18 प्रतिशत ने बेंगलुरू को पसंद किया।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 5,500 उत्तरदाताओं में से 7 प्रतिशत एनआरआई थे जो वर्तमान में अमेरिका, कनाडा, खाड़ी, यूरोप और विभिन्न एशियाई देशों में तैनात थे। अधिकतर एनआरआई स्टॉक, म्यूचुअल फंड, सोना और फिक्स्ड डिपॉजिट की बजाए भारतीय रियल एस्टेट में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 2021 में इसी अवधि की तुलना में 2022 के पहले नौ महीनों में आवास में एनआरआई मांग में 15-20 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।

घर खरीदने वालों पर होम लोन की ब्याज दरों में वृद्धि का कोई असर नहीं

कोरोना के बाद, एनआरआई स्पष्ट रूप से एक बड़ी महामारी के दौरान दूसरे देश में रहने से जुड़ी अनिश्चितताओं को नहीं भूले हैं। हर जगह भारतीयों के लिए घरों की सुरक्षा प्राथमिकता बनी हुई है। होम लोन की ब्याज दरों और संपत्ति की कीमतों में सख्ती होने के बावजूद घरेलू होम ओनरशिपशिप की भावना मजबूत बनी हुई है। ऐसे में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट एनआरआई को एक अलग फायदा देती है। किसी भी तिमाही में बेचे गए घरों में औसतन एनआरआई की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी होती है। कोरोना के बाद के युग में बड़े घरों की मांग ज्यादा रही है।

वर्तमान सर्वेक्षण में पाया गया है कि 77 प्रतिशत से अधिक एनआरआई उत्तरदाता बड़े घर खरीदेंगे। 54 फीसदी उत्तरदाता 3बीएचके के पक्ष में और 23 फीसदी 4बीएचके खरीदने की तलाश में हैं। केवल 22 प्रतिशत एनआरआई उत्तरदाता अब 2बीएचके की तलाश कर रहे हैं। अधिकांश एनआरआई उत्तरदाता 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की प्रीमियम संपत्तियों को पसंद करते हैं। कई एनआरआई अब भारत वापस आकर इन घरों का इस्तेमाल करना चाहते हैं।

यूक्रेन-रूस युद्ध ने कई देशों की आर्थिक स्थिति पर डाला असर

यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण आई मंदी की गतिशीलता के कारण कई देशों में आर्थिक स्थिति अनिश्चित है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था स्पष्ट रूप से बेहतर स्थिति में है।चूंकि हैदराबाद आईटी सेक्टर का बहुत बड़ा हब है और दुनिया की सभी टॉप कंपनियों के यहां दफ्तर हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोग काम कर रहे हैं सो आवास की बहुत बड़ी डिमांड है। हैदराबाद के बाहर हाई टेक सिटी ठीक ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर लेकिन बहुत बड़े आकार में डेवलप हुई है जहां सैकड़ों हाउसिंग प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस विशाल टाउनशिप में जबर्दस्त निवेश हुआ है।



Shashi kant gautam

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