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मुझे ईवीएम को कोसने का अंत होता नहीं दिख रहा है : कृष्णमूर्ति
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘इसलिए यह खेल चलता रहेगा। मुझे लगता है कि उनकी (जो ईवीएम को कोसते हैं) मतपत्रों में अधिक रूचि है, जिससे धोखाधड़ी के लिए और अधिक अवसर मिलेगा। लेकिन अगर वे यही चाहते हैं तो हम क्या कर सकते हैं।’’
हैदराबाद: देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन को कोसने का अंत होता उन्हें नहीं दिख रहा है क्योंकि चुनावों में हारने वाले लोग इसके इस्तेमाल से असंतुष्ट रहेंगे।
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विभिन्न विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि मशीनों के साथ छेडछाड़ की जा सकती है।
कुछ संगठनों ने मांग की है कि निर्वाचन के लिए पड़े मतों में से कम से कम आधे मतों का सत्यापन वीवीपैट के माध्यम से किया जाना चाहिए। इस पर कृष्णमूर्ति ने कहा कि अगर लोग चुनाव हारते हैं तो वे यही कहेंगे कि यह अपर्याप्त है।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘इसलिए यह खेल चलता रहेगा। मुझे लगता है कि उनकी (जो ईवीएम को कोसते हैं) मतपत्रों में अधिक रूचि है, जिससे धोखाधड़ी के लिए और अधिक अवसर मिलेगा। लेकिन अगर वे यही चाहते हैं तो हम क्या कर सकते हैं।’’
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘वे असंतुष्ट रहेंगे। जो नहीं जीत रहे हैं, वे बोलते रहेंगे और जो जीत जाते हैं, वे चुप रहेंगे। अगर वे (जिन्होंने पहले जीत हासिल की थी) हारेंगे तो वे कोसना शुरू कर देंगे।’’ देश में वर्ष 2004 का आम चुनाव कराने वाले कृष्णमूर्ति ने चुनाव आयोग को और शक्तियां दिए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि घृणा फैलाने वाले भाषण करने के लिए 24 घंटे, 48 घंटे अथवा 72 घंटे का प्रचार प्रतिबंध अपर्याप्त है और इससे समस्या नहीं सुलझेगी।
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कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मेरी राय में अगर कोई घृणा फैलाने वाला भाषण देता है....अगर पहली बार है तो आप उसे चेतावनी दे सकते हैं, दूसरी बार है तो एक हफ्ते का प्रतिबंध और तीसरी बार करता है तो निश्चित तौर उसे अयोग्य करार दे दिया जाना चाहिए ।’’
(भाषा)